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माओवादी सेंट्रल कमेटी के सदस्य कंचन दा गिरफ्तार, प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद मिली थी बड़ी जिम्मेदारी

भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी सदस्य कंचन दा को असम में गिरफ्तार कर लिया है, उनकी गिरफ्तारी में आइबी और झारखंड पुलिस ने अहम भूमिका निभायी है. बता दें कि प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद उन्हें ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो बनाया गया था

रांची: प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी सदस्य और ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (इआरबी) अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ ज्योतिष उर्फ कबीर उर्फ कंचन दा (65) को असम के गुवाहाटी से गिरफ्तार किया गया है. वह पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के शिवपुर शालीमार रोड के निवासी हैं. उनकी गिरफ्तारी में आइबी और झारखंड पुलिस ने अहम भूमिका निभायी है.

सुरक्षा एजेंसियों के पास पहले नहीं थी तस्वीर :

सुरक्षा एजेंसियों के पास पहले से रंजीत बोस की तस्वीर नहीं थी. माओवादी जोनल कमांडर व 10 लाख के इनामी महाराज प्रमाणिक ने 21 जनवरी 2022 को सरेंडर करने के बाद झारखंड पुलिस को रंजीत बोस की तस्वीर व उनके असम में होने की जानकारी साझा की थी.

इसके बाद झारखंड पुलिस ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों व दूसरे राज्यों की पुलिस को रंजीत बोस की तस्वीर व जानकारी साझा की थी. तब से रंजीत बोस की गिरफ्तारी की कोशिश शुरू कर दी गयी थी. सटीक सूचना मिलने के बाद सात मार्च 2022 की शाम आठ बजे उन्हें गिरफ्तार करने में सुरक्षाबलों को सफलता हाथ लगी.

एमसीसी स्पेशल एरिया कमेटी मेंबर रहे :

कंचन दा 2004 तक एमसीसी स्पेशल एरिया कमेटी मेंबर रहे. इसके बाद इन्हें सेंट्रल कमेटी मेंबर बनाया गया था. पुलिस के अनुसार, असम और नॉर्थ ईस्ट एरिया में माओवादी संगठन विस्तार के लिए सेंट्रल रीजनल ब्यूरो ने फंड उपलब्ध कराया था. वहां इनको संगठन विस्तार की जवाबदेही दी गयी थी.

प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद रंजीत ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो बने

13 नवंबर 2021 को सरायकेला में माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य सह ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो व एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस उर्फ किशन उर्फ बूढ़ा को व उनकी पत्नी सेंट्रल कमेटी सदस्य शीला मरांडी को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो की जवाबदेही रंजीत बोस को सौंपी गयी थी.

वहीं, संगठन ने इन्हें झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल में संगठन को धारदार बनाने की जवाबदेही दी थी. पुलिस की मानें, तो भाकपा माओवादी सेंट्रल मेंबर कमेटी में कुल आठ सदस्य बच गये हैं. इनमें से चार मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सुनिर्मल उर्फ सागर, असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ तिमिर, अनल दा उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी उर्फ पतिराम मरांडी उर्फ रमेश और प्रयाग मांझी उर्फ विवेक उर्फ फुचना उर्फ नागो मांझी उर्फ करण दा झारखंड में ही रहकर संगठन का काम कर रहे हैं.

Posted By: Sameer Oraon

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