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जमीन घोटाला मामले में झारखंड समेत देश के 21 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी, IAS छवि रंजन की भूमिका थी संदिग्ध

इडी ने सेना की जमीन हेराफेरी मामले में चंदन बागची के आसनसोल स्थित ठिकाने पर भी छापा मारा था. बागची ने बड़गाईं निवासी जफिउल्लाह नामक व्यक्ति के कंज्यूमर व आइडी नंबर में जालसाजी कर अपना नाम लिख लिया था

जमीन की हेराफेरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की टीम ने 13 अप्रैल को समाज कल्याण के आइएएस छविरंजन, बड़गाई के अंचल अधिकारी मनोज कुमार, राजस्वकर्मी भानु प्रताप सहित जमीन के कारोबार से जुड़े कुल 18 लोगों के 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसमें झारखंड के 18, बिहार के एक व पश्चिम बंगाल के दो ठिकानों को शामिल किया गया था.

छापे में जमीन के फर्जी दस्तावेज, अंचल कार्यालय के सील-मोहर, सेल डीड सहित अन्य दस्तावेज मिले थे. इडी के अधिकारियों ने जमीन की हेराफेरी के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के आरोप में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, बड़गाईं के अंचल अधिकारी मनोज कुमार, राजस्व कर्मी भानु प्रताप, अमीन सुजीत कुमार, जमीन कारोबार से जुड़े फैयाज खान, इम्तियाज अहमद, अफसर अंसारी, लखन सिंह, तबरेज अख्तर सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था.

इडी ने सेना की जमीन हेराफेरी मामले में चंदन बागची के आसनसोल स्थित ठिकाने पर भी छापा मारा था. बागची ने बड़गाईं निवासी जफिउल्लाह नामक व्यक्ति के कंज्यूमर व आइडी नंबर में जालसाजी कर अपना नाम लिख लिया था. इसी फर्जी दस्तावेज के आधार पर उसने नगर निगम से जमीन का होल्डिंग नंबर लिया और सेना के कब्जे वाली जमीन जगत बंधु टी स्टेट नामक कंपनी से बेच दी. इस कंपनी का संबंध अमित अग्रवाल से है.

इडी द्वारा जारी जांच के दौरान सेना की जमीन की हेराफेरी के इस मामले में अंचलाधिकारी मनोज कुमार और उपायुक्त छवि रंजन की महत्वपूर्ण भूमिका पायी गयी है. मनोज कुमार ने उपायुक्त को एक पत्र भेजा था. इसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि संबंधित जमीन की रजिस्ट्री की जा सकती है. अंचल अधिकारी के इस पत्र को उपायुक्त के स्तर से सब रजिस्ट्रार को भेजा गया था.

इसके बाद ही इस जमीन की रजिस्ट्री हुई थी. इडी ने जमीन की खरीद-बिक्री के लिए तैयार किये गये दस्तावेज और कोलकाता से की गयी रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज भी जब्त कर लिया है. जब्त किये गये एक दस्तावेज में 1932 में पश्चिम बंगाल राज्य का उल्लेख किया गया है. जबकि पश्चिम बंगाल राज्य का गठन देश के विभाजन के बाद हुआ. प्रदीप बागची के आसनसोल स्थित मकान से भी जमीन से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये हैं.

हेहल की जमीन ने भी बढ़ाई परेशानी

इडी ने सरकारी जमीन की हेराफेरी के मामले में हेहल अंचल की 7.16 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री के मामले को भी शामिल कर लिया है. जमीन की इस हेराफेरी के मामले में भी छवि रंजन की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने विधि-व्यवस्था के नाम पर पुलिस बल तैनात कर जमीन की घेराबंदी करवा दी थी. तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने सरकार के आदेश के आलोक में इस मामले की विस्तृत जांच की थी. साथ ही छवि रंजन के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी. प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट के बाद सरकार ने छवि रंजन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन प्रमंडलीय आयुक्त का तबादला कर दिया गया.

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