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बकाये टैक्स पर सूद व दंड का 90% होगा माफ, झारखंड विधानसभा से कराधान अधिनियम विधेयक पारित

झारखंड विधानसभा से पारित झारखंड कराधान अधिनियम विधेयक पारित हो गया. इसके तहत जीएसटी लागू होने से पहले तक के बकाये के सिलसिले में चल रहे कानूनी विवाद को समाप्त किया जायेगा.

झारखंड विधानसभा से पारित झारखंड कराधान अधिनियम का बकाया राशि समाधान विधेयक-2022 बुधवार को पारित हो गया. इसमें बकाया टैक्स की वसूली के लिए मुकदमों को समाप्त कर बकाये की वसूली का प्रावधान किया गया है. इसके तहत जीएसटी लागू होने से पहले तक के बकाये के सिलसिले में चल रहे कानूनी विवाद को समाप्त किया जायेगा.

विवाद समाप्त कर योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित व्यापारियों के अपने-अपने अंचलों में ही आवेदन देना होगा. फिलहाल राज्य वाणिज्यकर और वैट की अवधि में उभरे टैक्स पर विभिन्न न्यायालयों में करीब 5000 मामले चल रहे हैं. मुकदमों के निबटारे से सरकार को करीब 500 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. विवाद समाप्त करने के लिए संबंधित व्यापारी को एडमिटेड टैक्स का 100 प्रतिशत भुगतान करना होगा.

जिस राशि पर व्यापारी और सरकार के बीच विवाद हो उस का 40 प्रतिशत भुगतान करना होगा. स्टेच्यूट्री फार्म से संबंधित बकाये राशि के 50 प्रतिशत का भुगतान करना होगा. हालांकि सूद और दंड की राशि का सिर्फ 10 प्रतिशत का ही भुगतान करना होगा. यानी इस मद में व्यापारियों को 90 प्रतिशत की छूट मिलेगी. व्यापारियों के साथ चल रहे कानूनी विवाद में 3690 करोड़ रुपये निहित हैं.

इसमें टैक्स मद का 3004 करोड़, विवादित राशि 290 करोड़ और सूद व दंड का 396 करोड़ रुपये शामिल है. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने चर्चा में बताया कि कई मामला 40 साल पुराना है. सरकार इसका एक बार में सेटलेंट करना चाहती है. दोनों विधेयक वित्त सह वाणिज्य कर मंत्री रामेश्वर उरांव ने पेश किया.

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