: राज्य सरकार ने दायर की स्टेटस रिपोर्ट, कहा : आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर, फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट लंबित है
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (सीजीएल परीक्षा-2023) के तहत 21 व 22 सितंबर को ली गयी परीक्षा में गड़बड़ियों की सीबीआइ जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के पक्ष को सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 जून की तिथि निर्धारित की. इसके साथ ही सीजीएल परीक्षा के रिजल्ट प्रकाशन पर पूर्व में लगी रोक बरकरार रखी. राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ से कहा गया कि महाधिवक्ता राजीव रंजन बहस करेंगे, इसलिए मामले को दोपहर 12:30 बजे रख दिया जाये. इस पर खंडपीठ ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करने की बात कही. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से सीजीएल पेपर लीक मामले की सीआइडी जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दायर की गयी, इसमें कहा गया है कि मामले में अनुसंधान जारी है. आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया है. फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है. वह लंबित है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता समीर रंजन ने पैरवी की, जबकि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल उपस्थित रहे.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी प्रकाश कुमार व अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थियों ने सीजीएल परीक्षा-2023 में पेपर लीक व अन्य गड़बड़ियों का आरोप लगाया है. पेपर लीक, पेपर का सील खुला होना, बड़ी संख्या में प्रश्नों को रिपीट करने जैसी गड़बड़ी हुई है. सीजीएल परीक्षा रद्द करने तथा पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी जैसे सीबीआइ या न्यायिक जांच कराने की मांग की है. सीजीएल परीक्षा-2023 में 3,04,769 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. जेएसएससी द्वारा सीजीएल परीक्षा का फाइनल आंसर कुंजी भी प्रकाशित किया जा चुका है.
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