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झारखंड : मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन में हेमंत सोरेन बोले- सिर्फ झारखंडियों को रोजगार व स्वरोजगार देगी सरकार

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के समापन भाषण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के लोग जब सत्ता में थे, तो 75 फीसदी लोग बाहर से आते थे. आज कड़ी निगरानी में मुश्किल से 15-20 फीसदी बाहरी ही नौकरी में आ पा रहे हैं. वह भी ज्यादा दिन नहीं चलेगा.

Jharkhand News: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन समापन अभिभाषण में कहा कि हम हजारों पदों पर नियुक्ति कर चुके हैं. वहीं, 40 से 50 हजार पदों पर और नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा चुके हैं. मैं इस बात की गारंटी देता हूं कि सिर्फ और सिर्फ झारखंडियों को ही रोजगार एवं स्वरोजगार दूंगा. कहा कि नियुक्ति में जो 15-20 फीसदी बाहरी आ रहे हैं, उसे भी रोकेंगे.

मणिपुर में आदिवासी समाज का उत्पीड़न हो रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में आदिवासी समाज का उत्पीड़न हो रहा है और वहां की सरकार मूकदर्शक बन तमाशा देख रही है. कहा कि वन संरक्षण नियमावली में पिछले वर्ष ग्राम सभा के अधिकार को छीन लिया गया और फिर लोकसभा के चल रहे मानसून सत्र में वन संरक्षण कानून में केंद्र सरकार ने ऐसे संशोधन कर दिए हैं कि भविष्य में आदिवासियों से उनका जंगल ही छीन लिया जाएगा. लेकिन, मैं न तो पिछले साल के संशोधित नियमावली को इस राज्य में लागू होने दिया और न ही अभी कानून में किए गए बदलाव से आदिवासियों को उनके जंगल से बेदखल करने की केंद्र सरकार के मनसूबे को सफल होने दूंगा.

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विस्थापन समेत एससी-एसटी आयोग का जल्द होगा गठन

उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राज्य सरकार विस्थापन आयोग, एससी एवं एसटी आयोग का भी गठन करने जा रही है. सुखाड़ के मद में राज्य को केंद्र सरकार द्वारा 9000 करोड़ रुपये देना था, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य को मात्र 500 करोड़ों ही दिए. कहा कि झारखंड में आठ लाख वंचित पात्र लाभुकों के लिए पीएम आवास स्वीकृत करने का बार-बार मांग कर रहे हैं. लेकिन, केंद्र सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है.

27 प्रतिशत आरक्षण वाले विधेयक को राज्यपाल के यहां लटकाया जाता

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब विधानसभा द्वारा 1932 के खतियान वाली स्थानीयता और पिछड़ों को 27% आरक्षण वाले विधेयक को पारित कराकर हम लोग भेजते हैं, तो उसको राज्यपाल के यहां लटका दिया जाता है. कहा कि मुझे पक्का यकीन है कि संविधान के आर्टिकल 200 के अंतर्गत राज्यपाल द्वारा संदेश विधानसभा को नहीं भेजना इसी साजिश का हिस्सा है जिससे कि हम लोग यह दोनों विधेयक फिर से विधानसभा से पारित करके राज्यपाल को नहीं भेज पाएं.

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पेपर लीक के मामले में विपक्ष पर हमला

पेपर लीक की रोकथाम को लेकर सीएम ने कहा कि पेपर लीक न हो इसकी रोकथाम के लिए हमने कानून लाए. कहा कि गुजरात, उत्तराखंड जैसे राज्यों में जब इस प्रकार का कानून पहले से ही लागू है, तो हम इसे छात्र हित में जब लागू कर रहे हैं, तो फिर यहां के विपक्ष को पेट में दर्द क्यों हो रहा है.

क्राइम कंट्रोल को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह कटिबद्ध

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपराध पर पूर्ण नियंत्रण के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है. डीजीपी एवं पुलिस के बड़े अधिकारियों को हमने साफ कह रखा है कि अपराध पर किसी भी हालत में लगाम लगाएं, इसमें आप को खुली छूट है एवं किसी का पैरवी भी आपको नहीं सुनना है. कहा कि मणिपुर में हजारों घर जला दिए गए. सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी गई है, लेकिन सरकार नाममात्र के लिए एफआईआर दर्ज की है. वह भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय से फटकार लगने के बाद.

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युवा नेता सुभाष मुंडा की नृशंस हत्या से दु:खी और मर्माहत

सीएम ने युवा नेता सुभाष मुंडा की हत्या पर दुख व्यक्त किया. कहा कि उनके हत्यारों को पुलिस द्वारा पकड़ा जा चुका है. इस घटना में शामिल किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा. कहा कि कुछ राज्यों में ऐसा क्यों नहीं हो पा रहा है. मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस क्यों नहीं गिरफ्तार कर पा रही है.

‘इंडिया’ समूह से डर गया है विपक्ष

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में हम लोग ‘इंडिया’ समूह के सदस्य हैं. विपक्षी एनडीए से हैं. ‘इंडिया’ समूह के सदस्य बड़े भाई राहुल गांधी को इनके चक्करों से बचा लिया. गलत की हार हुई. सच्चाई की जीत हुई. इससे देश की न्यायपालिका पर विश्वास गहरा होता है. विपक्ष आदिवासी, दलित और पिछड़ों की बात करते हैं. सबसे अधिक घृणा करनेवाले विपक्षी सदस्य ही हैं. इन्होंने मणिपुर ही नहीं, देश के पहाड़ी इलाकों को अस्त-व्यस्त कर दिया है. मणिपुर में क्या हो रहा, यह किसी से छिपा नहीं है.

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