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Green Energy : सौर ऊर्जा से रौशन हो रहे हैं झारखंड के ये गांव, जेरेडा ने बताया क्या है आगे की योजना

साहिबगंज जिले में 359 केडब्ल्यूपी का ग्रिड लगाया गया है. जिले के पथना ब्लाॅक के ऊर्षापहाड़ गांव में 30 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगाया गया है, जहां कुल 125 गांव हैं.

झारखंड सरकार की सौर ऊर्जा नीति लागू होने के बाद से प्रदेश में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में व्यापक काम शुरू हुआ है. सौर ऊर्जा नीति के तहत 2026-27 तक चार हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जेरेडा (JREDA, झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) बड़े पैमाने पर काम कर रहा है.

कोयले पर से कम हो निर्भरता

जेरेडा के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मुकेश प्रसाद ने बताया कि हम ज्यादा से ज्यादा सोलर ग्रिड लगाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि सौर ऊर्जा का उत्पादन अधिक हो और कोयले पर से निर्भरता कम की जाये. अगर आम आदमी को सस्ते दर पर सौर ऊर्जा की प्राप्ति होगी तो वह क्यों महंगी बिजली खरीदेगा.

गांव में घरों के हिसाब से लगाये जा रहे हैं पावर ग्रिड

मुकेश प्रसाद ने बताया कि हम प्रदेश में मिनी ग्रिड लगाने का काम तेजी से कर रहे हैं. इस अभियान के तहत हमने प्रदेश के कई क्षेत्रों में हाउस होल्ड के अनुसार मिनी ग्रिड लगाया है. इन मिनी ग्रिड की क्षमता 777 केडब्ल्यूपी (KWP) है. साहिबगंज जिले में 359 केडब्ल्यूपी का ग्रिड लगाया गया है. जिले के पथना ब्लाॅक के ऊर्षापहाड़ गांव में 30 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगाया गया है, जहां कुल 125 गांव हैं. जबकि चापेल पहाड़ गांव में 92 घर है और 23 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगा है.

साहिबगंज जिले में 359 केडब्ल्यूपी का पावर मिनी ग्रिड

साहिबगंज जिले के बरहेट ब्लाॅक के डुलमी गांव में जहां कुल 240 घर हैं, 73 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगाया गया है. जबकि इसी ब्लाॅक के महुआटांड जहां 133 घर हैं 35 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगा है. हिरणपुर में 145 घर हैं और 35 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगाया गया है. करनघट्टी में 96 घर हैं और 23 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगाया गया है. बरमसिया में 240 घर हैं और 60 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगा है. बास्को पहाड़ और तेघड़ा पहाड़ में 160-160 घर हैं और यहां 40-40 केडब्ल्यूपी का मिनीग्रिड लगा है.

हजारीबाग और चतरा में भी लगा मिनी ग्रिड

वहीं हजारीबाग के ईचाक प्रखंड के गार्डिन गांव जहां 140 घर हैं 35 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगाया गया है. वहीं चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के बड़गांव में 360 घर है और 55 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगाया गया है. जबकि सिमरिया के कसलातू में 60, चतरा के मौसरिया तनर में 61, चतरा बह में 28 और कुंडा लालीमाटी में 20 केडब्ल्यूपी का मिनी ग्रिड लगाया गया है.

सोलर विलेज पर है फोकस

इसी तरह सिमडेगा जिले के बानो तरोप टोला में 50, खपरा टोला में 40, कदम टोला में 50 एवं बार टोला में 40 केडब्ल्यूपी का मिनीग्रिड लगाया गया है. गढ़वा जिले के रामकंडा प्रखंड के सुली गांव में 20, सिमडेगा के कुरडेग प्रखंड के हिंगिर दोधापानी में 17 दोरही दिपाटोली में 17 केडब्ल्यूपी का मिनीग्रिड लगाया गया है. मुकेश प्रसाद ने बताया कि सोलर विलेज पर भी बड़े पैमाने पर काम हो रहा है. सौर ऊर्जा नीति में एक हजार सोलर विलेज बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसे जल्दी ही पूरा किया जायेगा.

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