: मामला एमपी-एमएलए के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के स्पीडी ट्रायल का रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने एमपी-एमएलए के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के स्पीडी ट्रायल को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए नाै जुलाई की तिथि तय की. इससे पूर्व सीबीआई की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने स्टेटस रिपोर्ट दायर कर एमपी-एमएलए के खिलाफ लंबित 12 आपराधिक मामलों की अद्यतन जानकारी दी. रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में नौ मामले तथा धनबाद की अदालत में तीन मामले का ट्रायल चल रहा है. अलकतरा घोटाला से संबंधित बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन के मामले में फैसला आ गया है. इसमें आरोपी इलियास हुसैन को तीन साल की सजा हुई है. वहीं एक मामला में ट्रायल फाइनल स्थिति में है. वहीं एमीकस क्यूरी अधिवक्ता मनोज टंडन उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि एमपी-एमएलए के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के ट्रायल में विलंब को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया था तथा उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. पूर्व की सुनवाई में भी कोर्ट ने ट्रायल में विलंब पर सीबीआई के खिलाफ टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि सीबीआई एमपी-एमएलए के लंबित केस के जल्द निष्पादन को लेकर गंभीर नहीं है. एमपी-एमएलए के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों में गवाही की प्रक्रिया काफी धीमी है. गवाहों को जल्द लाकर ट्रायल की प्रकिया पूरी की जानी चाहिए, ताकि जल्द फैसला हो सके. ट्रायल में विलंब से गवाहों पर भी असर पड़ता है. उनकी गवाही प्रभावित होती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है