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बरहरवा टोल टेंडर विवाद में झारखंड हाईकोर्ट में प्रार्थी बोला- मामले की हो CBI जांच

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पर रोक लगायी है और मामले की सुनवाई तीन मार्च के लिए निर्धारित की है. इसे देखते हुए मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी

झारखंड हाइकोर्ट ने बरहरवा टोल प्लाजा टेंडर विवाद मामले में 24 घंटे के अंदर आरोपी मंत्री आलमगीर आलम व सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र को क्लीनचिट देने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा.

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पर रोक लगायी है और मामले की सुनवाई तीन मार्च के लिए निर्धारित की है. इसे देखते हुए मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पर रोक नहीं लगायी है. सिर्फ इडी को प्रतिवादी बनाने के आदेश पर रोक लगायी है.

उन्होंने बताया कि प्रार्थी ने इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आग्रह किया है. इसलिए इडी पार्टी रहे या ना रहे, लेकिन मामले की जांच सीबीआइ को साैंपी जाये. वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति प्रस्तुत करते हुए अदालत से मामले की सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया.

उन्होंने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट की एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (इडी) को पार्टी बनाने व शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया गया है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में तीन मार्च 2023 को निर्धारित है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शंभूनंदन कुमार ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है. उन्होंने 22 जून 2020 को टोल प्लाजा के टेंडर मामले में मंत्री आलमगीर आलम व पंकज मिश्रा सहित अन्य के खिलाफ बरहरवा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

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