हाइकोर्ट : वर्ष 2022 में डीएवी कपिलदेव के पूर्व प्राचार्य आरोपी मनोज कुमार सिन्हा को दी थी जमानत रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चाैधरी की अदालत ने नर्स के साथ छेड़खानी व उत्पीड़न के आरोपी डीएवी कपिलदेव के पूर्व प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा की जमानत रद्द करने को लेकर पीड़िता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दाैरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना. सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रतिवादी मनोज कुमार सिन्हा को पूर्व में 21 नवंबर 2022 को दी गयी जमानत को रद्द कर दिया. निचली अदालत को निर्देश दिया कि उसकी गिरफ्तारी को लेकर सभी कठोर कदम उठाने का आदेश दें. अदालत ने कहा कि प्रतिवादी मनोज कुमार सिन्हा के आचरण के कारण जमानत रद्द किया जाता है. साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने, गवाहों को धमकाने व ऐसी परिस्थितियां बनाना शामिल है, जहां उनका जेल से बाहर रहना निष्पक्ष सुनवाई व न्याय के लिए खतरनाक है. आरोपी ने सबूतों से छेड़छाड़ की और गवाहों को धमकाया, जिससे न्याय प्रक्रिया प्रभावित हुई है. इससे पूर्व पीड़िता की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारूका व अधिवक्ता शुभम कटारूका ने पैरवी की. उन्होंने अदालत को बताया कि 11 अक्तूबर 2024 को एक बिना नंबर वाली ऑटो रिक्शा ने जानबूझ कर उसकी दोपहिया वाहन को टक्कर मारी. इसके अलावा 19 अक्तूबर 2024 को मनोज कुमार सिन्हा व उसके साथियों ने पीड़िता की कार में छह गोलियां रख कर उसे झूठे मामले में फंसाने का प्रयास किया था. पुलिस ने मामले के अनुसंधान के दाैरान स्कूल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की थी, जिसमें पता चला कि एक व्यक्ति ने पीड़िता के वाहन में गोलियां रखी थीं. यह भी बताया गया कि प्रतिवादी मनोज कुमार सिन्हा ने उसे और उसके परिवार को डराने-धमकाने के लिए पीएलएफआइ के सदस्यों का सहारा लिया. पीड़िता के मंगेतर को पीएलएफआइ के अध्यक्ष की ओर से व्हाट्सएप मैसेज के जरिये 10 लाख रुपये की मांग करते हुए धमकी दी गयी थी. साथ ही उनकी हत्या की धमकी देने, केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया. उल्लेखनीय है कि डीएवी कपिलदेव के पूर्व प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा पर स्कूल की नर्स से छेड़खानी करने, प्रताड़ित करने के आरोप में अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इस मामले में हाइकोर्ट से मनोज कुमार सिन्हा को 21 नवंबर 2022 को जमानत मिली थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

