जिसके जरिये इमली का संग्रहण, प्रसंंस्करण व पैकेजिंग कर बाजार में बिक्री का कार्य किया जायेगा. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी संपोषित आजीविका सखी मंडल के सदस्यों के जरिये 11 उत्पादक समूह बनाकर इस कार्य को शुरू किया गया है. इस उत्पादक समूह में करीब 300 महिलाएं जुड़ी हुई हैं. वर्तमान में 15 महिलाएं ग्रामीण सेवा केंद्र का कार्य देख रही हैं जो प्रतिदिन चार घंटे काम करती हैं.
श्री सिन्हा ने ग्रामीण महिलाओं को बदलाव का वाहक करार दिया. उन्होंने सखी मंडल की महिलाओं से जैविक खेती, वर्षा के पानी का प्रबंधन, पशुपालन एवं सखी मंडल के जरिये समाज विकास में अहम भागीदारी निभाने की अपील भी की. इस नये प्रसंस्करण यूनिट को तीन फेज बिजली के लिए आर्थिक सहायता देने की बात कही. परितोष उपाध्याय (सीइअो, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) ने कहा कि जरूरत पड़ने पर एक और प्रसंस्करण इकाई सह ग्रामीण सेवा केंद्र की स्थापना की जायेगी. जहां न सिर्फ इमली बल्कि लाह व सब्जियों का भी प्रसंस्करण हो सकेगा. इसके लिए प्रशिक्षण भी दिलाया जायेगा. केंद्र का गठन दीनदयाल अंत्योदय योजना आजीविका मिशन के तहत किया गया है.