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अब भवन भी बनायेंगे डैम बनानेवाले इंजीनियर
मनोज लाल रांची : डैम बनानेवाले इंजीनियरों को पहले पुल, फिर सड़क अब भवन बनाने का भी काम दे दिया गया है. प्रखंड सह अंचल कार्यालय का काम भी ग्रामीण कार्य विभाग के अधीनस्थ विशेष प्रमंडल के इंजीनियर करेंगे. ये इंजीनियर जल संसाधन कैडर के हैं. विशेष प्रमंडल को लंबे समय से पुल का काम […]
मनोज लाल
रांची : डैम बनानेवाले इंजीनियरों को पहले पुल, फिर सड़क अब भवन बनाने का भी काम दे दिया गया है. प्रखंड सह अंचल कार्यालय का काम भी ग्रामीण कार्य विभाग के अधीनस्थ विशेष प्रमंडल के इंजीनियर करेंगे. ये इंजीनियर जल संसाधन कैडर के हैं. विशेष प्रमंडल को लंबे समय से पुल का काम दिया जा रहा है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना का क्रियान्वयन विशेष प्रमंडल के माध्यम से ही हो रहा है. इस साल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का भी काम दे दिया गया. कई प्रखंडों व जिलों में ग्रामीण सड़कों को बनाने की जिम्मेवारी इन्हें दी गयी है.
कैडर को लेकर खड़े हो रहे सवाल : जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों का मूल कार्य डैम, नहर आदि बनाना है. पीडब्ल्यूडी कैडर के अभियंता सड़क, पुल-पुलिया, भवन निर्माण का काम करते हैं.
इन इंजीनियरों का पैतृक विभाग पथ निर्माण विभाग ही है. ऐसे में पथ निर्माण विभाग ही इंजीनियरों की सेवा भवन निर्माण व ग्रामीण कार्य विभाग को देता है. सड़क, पुल-पुलिया व भवन बनाना ही इस विभाग के इंजीनियरों का मूल कार्य है. ऐसे में शुरू से इसी विभाग के माध्यम से ये काम कराये जाते रहे हैं. इस कैडर के इंजीनियर जल संसाधन विभाग से संबंधित काम नहीं करते हैं. ऐसे में इंजीनियर यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि जब विभाग के पास इस काम के लिए अपने इंजीनियर हैं, तो दूसरे कैडर के इंजीनियर से ये काम क्यों कराया जा रहा है.
तीन-तीन करोड़ से बनेगा भवन : हर प्रखंड में तीन-तीन करोड़ की लागत से प्रखंड सह अंचल कार्यालय बनेगा. राज्य भर में अभी 100 से ज्यादा प्रखंड सह अंचल कार्यालय बनाये जाने हैं. ये सारा काम विशेष प्रमंडल ही करेगा. पहले जिला परिषद व अन्य अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से इसका काम कराया जाता था.
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