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ऋण-जमा अनुपात में सुधार करें : अमित खरे

एसएलबीसी की 58वीं बैठक रांची : झारखंड में ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) में कमी आयी है. इसमें सुधार करें. 31 दिसंबर 2015 को सीडी रेशियो 59.45 प्रतिशत था. 31 दिसंबर 2016 को यह घट कर 58.21 प्रतिशत हो गया है, जबकि राष्ट्रीय मानक 60 प्रतिशत है. इसी तरह कृषि अग्रिम 16.63 प्रतिशत हो गया है, […]

एसएलबीसी की 58वीं बैठक
रांची : झारखंड में ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) में कमी आयी है. इसमें सुधार करें. 31 दिसंबर 2015 को सीडी रेशियो 59.45 प्रतिशत था. 31 दिसंबर 2016 को यह घट कर 58.21 प्रतिशत हो गया है, जबकि राष्ट्रीय मानक 60 प्रतिशत है. इसी तरह कृषि अग्रिम 16.63 प्रतिशत हो गया है, जबकि राष्ट्रीय औसत 18 प्रतिशत है.
कमजोर वर्ग, महिला और अल्पसंख्यक समुदाय का ऋण भी घट गया है. इस पर ध्यान दें. उक्त बातें अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने कही. श्री खरे ने होटल रेडिशन ब्ल्यू में गुरुवार को आयोजित एसएलबीसी (राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति) की 58वीं बैठक में बैंकों को सीडी रेशियाे, कृषि अग्रिम सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए इसे बढ़ाने की जरूरत है. वहीं एसएलबीसी ने सीडी रेशियो कम होने के पीछे नोटबंदी को कारण बताया.
कृषि सचिव हुए नाराज : कृषि सचिव डॉ एनएम कुलकर्णी कृषि लोन के मामले में नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि इसमें एनपीए दिखा दिया जाता है, जबकि किसी अन्य क्षेत्र में ऐसा नहीं किया जाता है. इस कारण कृषि ऋण देने में आनाकानी की जाती है. नयी दिल्ली से आये ज्वाइंट सेक्रेटरी मदनेश मिश्रा ने कहा कि रूपे कार्ड को मिशन मोड प्रोजेक्ट बना कर एक्टिव करें. अन ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम कर रहे लोगों का नया बैंक खाता खोलें.
मार्च तक तैयार होगी वेबसाइट :
एसएलबीसी की ओर से बताया गया कि मार्च तक वेबसाइट तैयार कर ली जायेगी. इससे फायदा यह होगा कि एसटी-एससी वर्ग के स्टूडेंट शिक्षा ऋण के लिए उस पर आवेदन कर सकेंगे. बैठक में एसएचजी ऋण में बेहतर काम के लिए एसबीआइ, बीओआइ एवं झारखंड ग्रामीण बैंक को सम्मानित किया गया.
बैंक शाखाओं में नहीं रहते सुरक्षा गार्ड : एसएलबीसी की बैठक में हाल में हुई बैंक लूट की घटना पर चिंता जतायी गयी. अमित खरे ने कहा कि कई जगहों से सूचनाएं मिली हैं कि बैंक शाखाओं में सुरक्षा गार्ड नहीं रहते हैं. जहां गार्ड हैं, वहां बंदूक दूसरी जगह रहती है.
कई जिलों में सुरक्षा समिति की बैठक नहीं हो रही है. बैठक सुनिश्चित करें. पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि कई मामलों में देखा गया है कि बैंक का अलार्म नहीं बजता है. सीसीटीवी का फुटेज क्लियर नहीं रहता है. नयी तकनीकों को बैंक नहीं अपना रहे हैं. हजारीबाग के डीआइजी भीम सेन टूटी ने कहा कि एक साल में गिरिडीह में दो और हजारीबाग में आठ बैंक डकैती की घटना हुई है. समय पर सूचना नहीं मिल रही है. उन्होंने सुरक्षा के लिए होम सर्विलांस सिस्टम लगाने का सुझाव दिया.

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