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ललमटिया ओपेन कास्ट कोल माइन हादसा, 13 शव निकाले गये
गोड्डा: इसीएल की राजमहल कोल परियोजना में खदान धंसने की घटना के बाद शुक्रवार शाम तक 11 कर्मियों के शव निकाले गये. सभी की शिनाख्त हो चुकी है.शनिवार की सुबह प्राप्त सूचना के अनुसार, दो और शवों को निकाला गया है. इस तरह अबतक कुल 13 शव निकाले जा चुके हैं.अब भी मलबे में 30 […]
गोड्डा: इसीएल की राजमहल कोल परियोजना में खदान धंसने की घटना के बाद शुक्रवार शाम तक 11 कर्मियों के शव निकाले गये. सभी की शिनाख्त हो चुकी है.शनिवार की सुबह प्राप्त सूचना के अनुसार, दो और शवों को निकाला गया है. इस तरह अबतक कुल 13 शव निकाले जा चुके हैं.अब भी मलबे में 30 लोगों के दबे होने की आशंका जतायी जा रही है. एनडीआरएफ की टीम दोपहर तीन बजे रेस्क्यू के लिए पहुंची. शाम को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सुपरवाइजर लालू खान का शव मलबे से निकाला गया. रात 8.32 बजे फिर खदान धंस गयी. हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. एनडीआरएफ की टीम ने बचाव कार्य रोक दिया है. वहीं खनन कार्य कर रही महालक्ष्मी कंपनी व इसीएल के खनन पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
डेंजर जोन में हो रहा था काम : खदान का करीब 800 मीटर लंबा हिस्सा करीब 900 मीटर खायी में समा गया है. इस जोन को वर्षों पहले डेंजर जोन घोषित किया गया था. ललमटिया कोल माइंस का सबसे डीप जोन भी था.
यहां काम बंद करा दिया गया था. इसके बावजूद वर्ष 2012 में महालक्ष्मी कंपनी को खनन की अनुमति दी गयी थी. इस खदान में पहले भी तीन बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं.
ब्लास्टिंग के दौरान हुआ हादसा : खनन का काम कर रहे सुपरवाइजरों, ड्राइवर व मजदूरों की मानें तो वहां छोटे से जगह में फंसे कोयले को निकालने के लिए गुरुवार शाम चार बजे ब्लास्ट किया गया. उस वक्त नीचे 80 मशीन व पे लोडर काम में जुटे थे. उन लोगों को ब्लास्टिंग के बाद स्लाइडिंग का आभास हुआ. कर्मी जबरन वहां से मशीन लेकर चले आये. यदि वे वहां से नहीं हटते तो सैंकड़ों जाने जा सकती थीं.
मलबा हटाने के बजाय रातों-रात बनायी सड़क : खदान धंसने के बाद अफरातफरी में घटनास्थल से मलबा हटाने के बजाय रातोंरात वहां सड़क बना दी गयी. शुक्रवार को घटनास्थल के आसपास ही खड़े होकर डीजीपी व मुख्य सचिव घटना की जानकारी ले रहे थे.
अब तक 11 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं और जो भी मलबे में दबे हैं, उन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है. कितने लोग दबे हैं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. दोषियों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है.
राजबाला वर्मा, मुख्य सचिव, झारखंड
कंपनी प्रबंधक व इसीएल के खनन पदाधिकारी पर केस
खनन कार्य कर रही महालक्ष्मी कंपनी व इसीएल के खनन पदाधिकारी पर मामला दर्ज कर लिया गया है. एसपी हरिलाल चौहान ने कहा कि लापरवाही के कारण घटना हुई है. मामले में खनन कंपनी के प्रबंधक को भी नामजद बनाया गया है. महगामा व ललमटिया पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.
एसडीओ ने उपलब्ध करायी सूची : उधर, महगामा के एसडीओ संजय पांडेय ने एक सूची मीडिया को उपलब्ध करायी है़,जिसके अनुसार, मलबे में अभी 26 लोग दबे हैं, लेकिन वहां काम कर रहे कंपनी के लोगों के अनुसार, अब भी 30 लोग दबे हैं. घटना के वक्त करीब 41 लोग वहां काम कर रहे थे. साथ ही 25 पे लोडर, छह मशीन, एक डोजर भी मलबे में समा गये हैं. तीन मशीनें बाहर निकाली गयी है़
दबने वाले लोगों के नाम
लडडू यादव, सीवान
अजय कुशवाहा, बिहार
जयप्रकाश
संगीत विश्वकर्मा, गढ़वा
सुनील पांडा, गढ़वा
परवेज आलम, हजारीबाग
भीम राय, भागलपुर
संजय कुमार सेटठी
जगजीत पटेल, गुजरात
रामकुमार गोस्वामी, मध्य प्रदेश
मो जमील, मध्य प्रदेश
जुल्फकार खान, मध्य प्रदेश
ललन कुमार,
गगन सिंह
मधु पटेल
राजकुमार
प्रबंधक ने कर्मियों को पदमुक्त की धमकी देकर शुरू कराया था काम
वहां काम कर रहे कर्मियों की मानें तो तीन दिन पहले खदान के निचले हिस्से में दरार आ जाने के कारण काम बंद करा दिया गया था. गुरुवार को इसीएल के प्रबंधक प्रमोद कुमार कंपनी के कैंप में आये और वहां काम करने की फिर से अनुमति दी़ उन्होंने कर्मचारियों को धमकी दी कि काम नहीं करने पर पदमुक्त कर दिया जायेगा. इसके बाद काम शुरू कराया गया.
मृतकों के परिजनों को 12-12 लाख मुआवजा
दो-दो लाख झारखंड सरकार देगी परिजनों को
पांच-पांच लाख महालक्ष्मी कंपनी देगी
पांच-पांच लाख इसीएल की ओर से दी जाएगी
दोषी बख्शे नहीं जायेंगे : मुख्य सचिव
गुरुवार रात हुई घटना की जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा व डीजीपी डीके पांडेय भी घटनास्थल पर पहुंचे. मुख्य सचिव ने कहा : जो भी दोषी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा.
सीएमपीडीआइ के सीएमडी करेंगे जांच
रांची. सीएमपीडीआइ के सीएमडी शेखर शरण की अध्यक्षता वाली कमेटी जांच करेगी, जो एक माह में िरपोर्ट देगी. कमेटी में एसइसीएल के निदेशक तकनीकी पीके सिन्हा, आइआइटी (आइएसएम) के प्रोफेसर डॉ फाल्गुनी सेन, सिंफर के डॉ वीके सिंह, बीआइटी मेसरा के आइ रॉय सदस्य तथा कोल इडिया के डीटी के तकनीकी सचिव एके नाथ सचिव होंगे.
मृतकों के नाम
जावेद अंसारी (22), गढ़वा
शकील अंसारी (27), रामगढ़
संजय कुमार शाही, लोहरदगा
राजेंद्र यादव (35), सीवान
हरिकिशोर यादव (28), सीवान
जयप्रकाश ततवा, मुजफ्फरपुर
लालू खान, मुजफ्फरपुर
नागेश्वर पासवान, चालक(23), मुजफ्फरपुर
ब्रजेश यादव (26) बलिया
नुरुल हसन (27) मध्य प्रदेश
विकास पटेल (27) गुजरात
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