रांची: राजधानी के पांच थाने कोतवाली, लालपुर, बरियातू, जगन्नाथपुर और अरगोड़ा थाना क्षेत्र के 47 बीट में शुक्रवार से बीट पेट्रोलिंग शुरू कर दी गयी है. इस अवसर पर आर्यभट्ट सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उदघाटन डीजीपी डीके पांडेय ने किया. इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस मित्र, पुलिस सखी के […]
रांची: राजधानी के पांच थाने कोतवाली, लालपुर, बरियातू, जगन्नाथपुर और अरगोड़ा थाना क्षेत्र के 47 बीट में शुक्रवार से बीट पेट्रोलिंग शुरू कर दी गयी है. इस अवसर पर आर्यभट्ट सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उदघाटन डीजीपी डीके पांडेय ने किया. इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस मित्र, पुलिस सखी के अलावा बीट पुलिस पदाधिकारी को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा : झारखंड की राजधानी को सुरक्षित बनाना है. लोग अपना घर भी वहीं बनाना चाहते हैं, जो स्थान सुरक्षित है.
बिना सुरक्षा के राज्य और समाज का विकास नहीं हो सकता. बीट पुलिसिंग का मतलब है, आम जनता के लिए आम जनता के सहयोग से सुरक्षा का वातावरण तैयार करना. बीट पदाधिकारी का परिचय डीजीपी ने पुलिस मित्र और सखियों से भी कराया. डीजीपी ने कहा कि पुलिस को रोजाना नयी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
समाज में भ्रष्टाचार मुक्त पुलिसिंग लागू करने का प्रयास किया जायेगा. महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैयार किया गया शक्ति एप का प्रयोग अभी कम हो रहा है. महिलाओं की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा. महिलाएं और युवती अपनी सुरक्षा को लेकर अधिक से अधिक शक्ति एप का प्रयोग करें.
एडीजी सीआइडी अजय कुमार सिंह ने भी बीट सिस्टम की तारीफ करते हुए कहा : क्राइम कंट्रोल के लिए आज जनता की सहभागिता बढ़ाने का इससे अच्छा कोई उपाय नहीं है. सीआइडी आइजी संपत मीणा ने कहा, आम लोगों की सहभागिता से ही क्राइम कंट्रोल संभव है, लेकिन बीट में पुलिस सखियों की संख्या कम है. इसे बढ़ाने की आवश्यकता है. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए एसएसपी रांची कुलदीप द्विवेदी ने कहा : राजधानी में बीट प्रणाली डीजीपी के प्रयास से संभव हो सका है. रांची पुलिस की टीम ने इसके लिए बहुत मेहनत की है. कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार मनोज प्रसाद ने कहा, डीजीपी ने बीट प्रणाली को शुरू कर क्राइम कंट्रोल की दिशा में एक मिसाल कायम की है. डीजीपी के इस कार्य की जितनी सराहना की जाये, वह कम है. कार्यक्रम में सिटी एसपी किशोर कौशल, राजधानी में पदस्थापित सभी डीएसपी, थाना प्रभारी के अलावा अन्य पुलिसकर्मी उपस्थित थे.
क्या है बीट प्रणाली
एसएसपी ने बताया कि प्रत्येक थाना क्षेत्र को छोटे-छोटे क्षेत्र में विभक्त किया गया है. छोटे-छोटे क्षेत्र को बीट का नाम दिया गया. प्रत्येक बीट के लिए पुलिसकर्मी को बीट पदाधिकारी के रूप में नियुक्त कर दिया गया है. वे अपने-अपने बीट में गश्ती करेंगे. सूचनाएं एकत्र कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे. बीट पदाधिकारी के सहयोग के लिए प्रत्येक बीट में पुलिस मित्र और सखी को रखा गया है. किसी बीट में घटना होने पर संबंधित बीट पदाधिकारी ही केस का अनुसंधान करेंगे. बीट पदाधिकारी के काम की समीक्षा थाना प्रभारी प्रतिदिन करेंगे.
तीन महिला पुलिसकर्मी सम्मानित
कार्यक्रम से पहले डीजीपी को सलामी भी दी गयी. उन्होंने परेड का निरीक्षण भी किया. डीजीपी ने परेड में शामिल तीन महिला पुलिसकर्मियों को बेहतर टर्नआउट के लिए एक-एक हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की घोषणा की. परेड कमांडर को भी एक हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की घोषणा की गयी.