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सीएनटी एक्ट में छेड़छाड़ कर तेली को लाभ पहुंचाया

पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा राज्यपाल से मिलेंगे, बतायेंगे सीएनटी के मूल एक्ट से ट्राइब शब्द को विलोपित किया गया रांची : पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा है कि सरकार ने सीएनटी एक्ट के प्रावधान में छेड़छाड़ कर तेली जाति को बीसी टू से बीसी वन का आरक्षण दिया है. तेली जाति को […]

पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा
राज्यपाल से मिलेंगे, बतायेंगे सीएनटी के मूल एक्ट से ट्राइब शब्द को विलोपित किया गया
रांची : पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने कहा है कि सरकार ने सीएनटी एक्ट के प्रावधान में छेड़छाड़ कर तेली जाति को बीसी टू से बीसी वन का आरक्षण दिया है. तेली जाति को आरक्षण का ज्यादा लाभ देने के लिए संवैधानिक प्रावधान के साथ छेड़छाड़ की गयी है.
श्री महतो ने बताया कि सीएनटी के मूल एक्ट में प्रावधान है कि ऐसी जातियों को झारखंड में बीसी वन का लाभ मिलेगा, जो ट्राइब के समरूप हों. जबकि वर्ष 2002 में झारखंड सरकार ने सीएनटी एक्ट में फेरबदल करते हुए ट्राइब शब्द को ही गायब कर दिया.
श्री महतो ने कहा कि सरकार की इस साजिश से दूसरे पिछड़े जातियों को भारी नुकसान हुआ है. सरकार ने दूसरी पिछड़ी जातियों के अधिकारों का हनन किया है. सीएनटी एक्ट के साथ राज्य सरकार को छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है.
सीएनटी एक्ट में पिछड़े जातियों को झारखंड और अधिसूचित क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से परिभाषित किया गया है. लेकिन राज्य सरकार ने सीएनटी एक्ट के मूल प्रावधान को बदल कर इसमें सभी जातियों को शामिल करने की छूट दे दी है. आने वाले दिनों में कानून के इस छेद से दूसरी जातियों को राजनीतिक लाभ के लिए शामिल किया जाता रहेगा.
श्री महतो ने कहा कि वह इसकी शिकायत लेकर राज्यपाल से मिलेंगे. राज्यपाल को सरकार की जालसाजी बतायी जायेगी. पूर्व सांसद ने कहा कि वह मामला कोर्ट में भी ले जायेंगे. संविधान की धज्जियां उड़ाने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है.

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