जिसने अभिषेक को सलाह दी कि वह अपनी बहन के गायब होने का मामला लालपुर थाना में दर्ज नहीं कराये. इससे परिवार की बदनामी होगी. उससे कहा गया कि लालपुर थाना जाओ और पुलिस से कहो कि मेरा मोबाइल फोन खो गया और मोबाइल नंबर मेरी बहन निधि के नाम पर था. इसके बाद पुलिस से मोबाइल का कॉल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकलवाने की सलाह दी गयी. इससे यह पता चल जाता कि निधि कहां है? इसके बाद अभिषेक गत 21 मार्च को लालपुर थाना गया.
पुलिस को बताया कि सब्जी खरीदने के दौरान उसका मोबाइल फोन गत 20 मार्च को गिर गया था. इस बात का खुलासा शनिवार की रात तब हुआ, जब लालपुर थाना प्रभारी शैलेश कुमार ने निधि के भाई अभिषेक से निधि के गायब होने से संबंध में जानकारी ली. अभिषेक ने थाना प्रभारी को बताया कि उसे एक पुलिस ऑफिसर ने ऐसा करने को कहा था, लेकिन जब शैलेश कुमार ने पूछा वह दारोगा लालपुर थाना में पदस्थापित है क्या? उसका नाम क्या है? तब अभिषेक ने बताया कि वह पुलिस ऑफिसर लालपुर थाना में पदस्थापित नहीं है, लेकिन वह उसका नाम नहीं बता सकता. क्योंकि उन्होंने उसकी मदद करनी चाही थी. उल्लेखनीय है कि शनिवार की शाम अचानक यह बात सामने आयी कि जब निधि का भाई लालपुर थाना गत 21 मार्च को अपनी बहन के गायब होने की शिकायत दर्ज कराने पहुंचा था. तब लालपुर पुलिस ने जानबूझ कर मोबाइल गिरने की शिकायत दर्ज कर ली थी. शिकायत को रिसीव कर लालपुर थाना के मुंशी अभिमन्यु ने अभिषेक को दिया था.