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कहां गये सड़क किनारे काटे गये पेड़
रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्गो (एनएच) के किनारे हजारों पेड़ों की कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय राजमार्गो (एनएच) के चौड़ीकरण के दौरान काटे गये पेड़ों से संबंधित […]
रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्गो (एनएच) के किनारे हजारों पेड़ों की कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय राजमार्गो (एनएच) के चौड़ीकरण के दौरान काटे गये पेड़ों से संबंधित विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया. राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश देते हुए खंडपीठ ने पूछा कि चौड़ीकरण अथवा निर्माण के दौरान सैकड़ों पेड़ काटे जाते हैं, उसका क्या होता है. काटे गये पेड़ कहां गये. क्या पेड़ों की बिक्री की गयी है. यदि बिक्री की गयी है, तो प्राप्त राशि का क्या हुआ. एनएच के निर्माण में अब तक कितने वृक्ष काटे गये.
जानकारी मिलने पर एनएचएआइ से हिसाब मांगा जायेगा. उनसे कटे वृक्ष के विरुद्ध राशि लेकर राज्य में नये वृक्ष लगाये जायेंगे. खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने अपने शपथ पत्र में बताया है कि एनएच-75 के 54 किमी के सड़क निर्माण में 3101 वृक्ष काटे गये, लेकिन काटे गये वृक्षों का क्या हुआ, उससे संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गयी है. अन्य सड़कों का निर्माण, मरम्मत व चौड़ीकरण किया जा रहा है और पेड़ भी काटे जा रहे है, लेकिन पेड़ों के विषय में जानकारी नहीं दी जा रही है. खंडपीठ ने सवाल किया कि कहीं कटे वृक्ष संबंधित ठेकेदार तो नहीं ले जा रहा है. वृक्ष राज्य की संपत्ति है.
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