रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने प्रथम सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा रद्द कर दी है. वर्ष 2006 में 50 पदों के लिए यह परीक्षा ली गयी थी. अनियमितता की शिकायत के बाद इसकी जांच निगरानी विभाग द्वारा की गयी थी. इसके बाद यह मामला झारखंड हाइकोर्ट व गर्वनर के पास पहुंचा था. फलस्वरूप आयोग ने इसका परीक्षाफल जारी नहीं किया था.
अंतत: निगरानी की रिपोर्ट के बाद आयोग ने लगभग छह साल बाद 12 जून 2013 को परीक्षा रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी है. मालूम हो कि आयोग ने 23 अप्रैल 2006 को सीमित परीक्षा परीक्षा ली थी.
कुल 50 पदों पर नियुक्ति के लिए 13 परीक्षा केंद्र बनाये गये थे. परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत निगरानी के ही तत्कालीन डीजी ओपी खरे ने सरकार से की थी. इस मामले को रतन तिर्की झारखंड उच्च न्यायालय में ले गये थे.
तत्कालीन राज्यपाल सह कुलाधिपति एसएस रजी व हाइकोर्ट ने इसकी निगरानी से जांच करायी. जांच में परीक्षा में अनियमितता की पुष्टि हो गयी थी. हालांकि आयोग ने प्रथम सीमित परीक्षा का रिजल्ट निकाले बिना द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ सीमित परीक्षा का आयोजन किया और इसका परीक्षाफल भी जारी किया.