रांची : पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. सोमवार को हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने 34वें नेशनल गेम्स घोटाला मामले में बंधु तिर्की को सशर्त जमानत की सुविधा प्रदान कर दी. वहीं, पत्थलगड़ी के लिए लोगों को उकसाने के मामले में हिरासत की अवधि को देखते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. पूर्व में (13 व 14 नवंबर को) सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया. इस दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता निलेश कुमार उपस्थित थे, जबकि सरकार की अोर से अधिवक्ता रवि प्रकाश व एसीबी की अोर से अधिवक्ता टीएन वर्मा उपस्थित थे.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता निलेश कुमार ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का आरोप सही नहीं है. उन पर लगाये गये आरोप गलत हैं. वर्ष 2017 में पत्थलगड़ी के लिए लोगों को उकसाने के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी.
इसमें उन पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है. वहीं, सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनोज टंडन ने अदालत को बताया था कि पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की मामले के मुख्य आरोपी हैं. इनके खेल मंत्री रहते हुए कई संस्थाअों को नियमों की अनदेखी कर कार्य दिया गया. इससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बंधु तिर्की ने जमानत याचिका दायर की है. एसीबी ने 34वें नेशनल गेम्स के आयोजन में 28 करोड़ के घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की को भी आरोपी बनाया गया है.