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कइली बरतिया तोहारहे छठी मइया…पैसे पर भारी पड़ी आस्था, छठ मनाने लाखों रुपये खर्च कर विदेशों से पहुंच रहे घर

रांची : शक्ति और उपासना का प्रतीक चार दिवसीय छठ पर्व रविवार से शुरू हो जायेगा. आज नहाय-खाय है. रविवार के कारण इसकी महत्ता बढ़ गयी है, क्योंकि इसे भगवान सूर्य का दिन माना जाता है. सूर्योदय के बाद छठ व्रती विभिन्न नदियों, तालाबों, सरोवर, डैम, कुआं व घरों में स्नान ध्यान करेंगे. भगवान सूर्य […]

रांची : शक्ति और उपासना का प्रतीक चार दिवसीय छठ पर्व रविवार से शुरू हो जायेगा. आज नहाय-खाय है. रविवार के कारण इसकी महत्ता बढ़ गयी है, क्योंकि इसे भगवान सूर्य का दिन माना जाता है. सूर्योदय के बाद छठ व्रती विभिन्न नदियों, तालाबों, सरोवर, डैम, कुआं व घरों में स्नान ध्यान करेंगे. भगवान सूर्य की पूजा कर उनसे शक्ति की कामना करेंगे. उसके बाद घरों में पूजा-अर्चना कर कद्दू-भात तैयार किया जायेगा. इसे भगवान को अर्पित करने के बाद व्रती खुद इसे ग्रहण करेंगे. प्रसाद का वितरण होगा. इसी दिन से छठ महापर्व की शुरुआत हो जाती है. कल खरना है.
16 से 20 रुपये किलो कद्दू
बाजार में कद्दू 16 से 20 रुपये प्रति किलो है. कद्दू की बहुतायात आमदनी होने के कारण इसकी कीमत में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है. वहीं, कई लोगों ने व्रतियों के यहां अपने घरों में फले हुए कद्दू भिजवाया.
छठ महापर्व की परंपरा आज भी जीवित
छठ महापर्व की परंपरा आज भी जीवित है. इस पर्व में अब भी प्रसाद तैयार करने के लिए मिट्टी के चूल्हे, आम की लकड़ी, नये चूल्हे(लोहे का) आदि का प्रयोग किया जाता है. साथ ही जांता(हाथ से अन्न पीसने वाला औजार) का भी प्रयोग किया जाता है. कई व्रती इसी में प्रसाद के लिए गेहूं और चावल पीसते हैं. दाल से लेकर नमक आदि तैयार करते हैं.
व्रतियों ने की बर्तन की सफाई
इससे पहले शनिवार को पूजा घरों के साथ-साथ पर्व में इस्तेमाल होने वाले बर्तन आदि की सफाई की गयी. व्रतियों ने बाजार में कद्दू-चावल व दाल नमक सहित अन्य सामग्री की खरीदारी की. कई व्रतियों ने घरों में जांता में दाल तैयार किया. छठ के गीत गाकर भगवान का ध्यान किया.
छठ बाजार गुलजार, उमड़ रहे खरीदारी
रांची : नहाय-खाय के साथ ही आज से लोक आस्था का पर्व छठ महापर्व शुरू हो जायेगा. छठ व्रती तैयारी में जुट गये हैं. राजधानी में छठ का बाजार गुलजार हो चुका है. जिला स्कूल शहीद चौक, अपर बाजार, महावीर चौक, कचहरी चौक व न्यू मार्केट रातू रोड आदि जगहों पर छठ बाजार सज चुके हैं. सूप, दउरा व पूजन सामग्री की दुकानें सज गयी हैं. खरीदारी के लिए व्रतियों की भीड़ उमड़ रही है. हर चौक-चौराहा छठ की खुशी से गुलजार है.
पूजा की सामग्री
(कीमत रुपये में)
मखाना : 125 (250 ग्राम)
धूप : 40 (250 ग्राम)
गड़ी : 25 (100 ग्राम)
छुहारा : 15 (100 ग्राम)
अखरोट : 20 (100 ग्राम)
जायफल : 05 (पीस)
कठ बादाम : 02 (पीस)
सुपारी : 01 (पीस)
काजू : 10 (100 ग्राम)
सिंदूर : 10 (छोटा) व 50 (बड़ा पैकेट)
बद्दी : 10-15 (दर्जन)
बादाम : 12 (100 ग्राम)
लौंग व इलायची : 15 (100 ग्राम)
आलता : 05 (बंडल)
सूखा नारियल : 22-25 (पीस)
गुड़ : 35 (प्रति किलो)
घी : 450 (प्रति किलो)
डाभ : 40 ( प्रति किलो)
जनेऊ : 02 (पीस)
सूप : 60-70
दउरा : 180 (बड़ा)
दउरा : 80 (छोटा)
टोकरी : 200 (छोटा)
छठ व्रत की डोर देश-विदेश से खींच कर सबको घर लायी
पैसे पर भारी आस्था, लाखों रुपये खर्च कर पहुंच रहे घर
रांची : छठ महापर्व की डोर देश-विदेश से अपनों को खींच कर घर ला रही है. आस्था की डोर में बंधे लोग देश-विदेश से हजारों किमी का सफर और लाखों रुपये खर्च कर छठ व्रत के लिए अपने घर आ रहे है़ं मन में है, तो सिर्फ छठी मइया के प्रति अटूट श्रद्धा और विश्वास. पढ़िए लता रानी की रिपोर्ट..
अमेरिका से आयी है बड़ी बेटी
रानी सहाय का पूरा परिवार इस वर्ष छठ के अवसर पर एकत्रित हुआ है़ बड़ी बेटी श्रद्धा सहाय अमेरिका से आयी है़ं दो बेटियां बेंगलुरु से पहुंची हैं. श्रद्धा कहती हैं : बचपन से ही अशाेक नगर में छठ पर्व मनाते आ रहे हैं. इसके लिए हर वर्ष अमेरिका से रांची आती हैं. बेशक इस अवसर पर लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं, लेकिन आस्था के आगे पैसा मायने नहीं रखता. इसी बहाने पूरे परिवार से मिलना हो जाता है़ छोटी बेटी जूही और नैना सहाय कहती हैं : छठ ही एक ऐसा पर्व है जो पूरे परिवार को आस्था के साथ एकत्रित करता है़
नयी बहू के साथ मनायेंगे छठ व्रत
देवानंद श्रीवास्तव के परिवार के सभी सदस्य छठ महापर्व के लिए बेंगलुरु से अपने घर रांची पहुंच चुके हैं. पूरा परिवार बेंगलुरु में रहता है, लेकिन छठ के लिए हर वर्ष रांची आते है़ं बड़ा बेटा बेंगलुरु में कंप्यूटर इंजीनियर है़ परिवार के लिए इस वर्ष का छठ पर्व बहुत खास है़ इसी वर्ष बेटे का विवाह हुआ है़ नयी बहू के साथ सभी छठ सेलिब्रेट कर रहे हैं. परिवार के मुखिया देवांनद श्रीवास्तव कहते हैं : हमारे यहां चैती छठ पर्व भी होता है. पत्नी रीता कुमकुम शादी के बाद से लगातार छठ व्रत कर रही हैं. छठ महापर्व का आनंद ही अलग है़ इसकी परंपरा बरकरार है़ हालांकि छोटा बेटा इस बार घर नहीं आ रहा है.
आॅस्ट्रेलिया से आये हैं परिवार के सबसे बड़े सदस्य अजीत
पेशे से शिक्षिका विनीता वर्मा पांच वर्षों से छठ महाव्रत कर रही है़ं पति भी छठ व्रत करते है़ं देश-विदेश में रहने वाले परिवार के सदस्य भी रांची आते हैं. परिवार के सबसे बड़े सदस्य अजीत और उनकी पत्नी सुनीता वर्मा आस्ट्रेलिया से छठ पर्व के लिए घर आये हैं. अजीत कहते हैं : आॅस्ट्रेलिया में भी भारतीय समुदाय के लोग छठ महाव्रत करते हैं, लेकिन अपने देश की बात ही अलग है़ देश की मिट्टी की महक और यहां की परंपरा यहां खींच लाती है़
छठ गीतों से अलौकिक हो रहा है पूरा माहौल
रांची : चारों तरफ छठ गीतों की गूंज सुनायी दे रही है. घर से लेकर मोहल्ले तक का माहौल भक्तिमय हो चुका है. बाजार, घरों व चौक-चौराहे पर छठी मइया की महिमा के गीत गूंजने लगे हैं. इस साल छठ पर परंपरागत गीतों के साथ-साथ नये कलाकारों के गीत घरों में बज रहे हैं.
नये गीतों में गायक खेसारी लाल यादव का गाना आरा छपरा के घाट निक लागेला, भोजपुरी गायक पवन सिंह की आवाज में माई रोवत होई.. जुबान पर चढ़ा हुआ है. इतना ही नहीं महिला गायिकाओं में अभिनेत्री सह गायिका आम्रपाली दुबे की ‘चले के बाटे छठी घाटे ए पिया’ सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड कर रहा है. साथ-साथ पेन्ही ना बलम जी पियरिया गीत को भी लोग पसंद कर रहे हैं.
नये गानों के ट्रेंड के बीच छठ के पौराणिक गीतों को भी लोग नहीं भूला पाये हैं. खादगढ़ा बस स्टैंड में ऐसे गानों की सीडी बेचने वाले मनोज गुप्ता बताते हैं कि पहिले पहिल छठी मइया.., उगा है सूरज देव…., केलवा के पात पे उगेलन सुरुजमल….जैसे पौराणिक गानों की सीडी डिमांड की जा रही है. गली-मोहल्ले के घरों से निकलती ऐसे गीतों की वजह से अलौकिकता का एहसास हो रहा है. इनसब के बाद भी ऑनलाइन गानों के ट्रेंड ने सीडी बाजार को नरम कर दिया है.

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