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दो हजार गरीब परिवारों का सुधर रहा जीवन

कल्याण विभाग की अति गरीब परिवारों पर केंद्रित योजना रांची : कल्याण विभाग राज्य के दो जिलों दुमका व पश्चिमी सिंहभूम में गरीबी उन्मूलन की योजना संचालित कर रहा है. इसे टारगेटेड टू हार्डकोर पुअर स्कीम (अति गरीब परिवारों पर केंद्रित योजना) का नाम दिया गया है. यह योजना वैसे गरीब परिवारों का जीवन स्तर […]

कल्याण विभाग की अति गरीब परिवारों पर केंद्रित योजना
रांची : कल्याण विभाग राज्य के दो जिलों दुमका व पश्चिमी सिंहभूम में गरीबी उन्मूलन की योजना संचालित कर रहा है. इसे टारगेटेड टू हार्डकोर पुअर स्कीम (अति गरीब परिवारों पर केंद्रित योजना) का नाम दिया गया है. यह योजना वैसे गरीब परिवारों का जीवन स्तर सुधारने के लिए शुरू की गयी है, जिनकी मुखिया कोई महिला (वीमेन हेडेड) है.
योजना के पहले चरण में दोनों जिलों के चार प्रखंडों टोंटो व झिंकपानी (प.सिंहभूम) तथा दुमका व मसलिया (दुमका) के कुल दो हजार अति गरीब परिवारों का जीवन स्तर उठाने, उन्हें आजीविका के साधन मुहैया कराने तथा महिला प्रधान इन परिवारों का क्षमता विकास करने के प्रयास शुरू हो गये हैं. ये वैसे परिवार हैं, जिनमें 15 से 59 वर्ष के बीच का कोई कमाऊ पुरुष सदस्य नहीं है. जिन्हें सरकार की किसी योजना व कार्यक्रम का लाभ या सहयोग नहीं मिला तथा जिनके पास पर्याप्त खाद्य सुरक्षा तथा कोई उत्पादक संपत्ति नहीं है.
मई-2017 से दोनों जिलों में इस योजना का क्रियान्वयन शुरू किया गया है. दो वर्षों वाली इस योजना पर कुल 4.71 करोड़ रुपये खर्च होंगे. अक्तूबर-2017 तक की रिपोर्ट के अनुसार कुल दो हजार में से 1934 परिवारों के लिए आजीविका के साधनों का चयन (सूकर व बकरी पालन, पत्तल निर्माण, बांस अाधारित शिल्प, किराना दुकान, सिलाई-कढ़ाई, चटाई, रस्सी निर्माण व अन्य) कर लिया गया है. वहीं इनमें से 1717 को उद्यमिता विकास संबंधी तीन दिवसीय प्रशिक्षण मिल गया है तथा 350 परिवारों को विभिन्न संपत्तियों का वितरण पूरा हो चुका है.
राज्य में डेढ़ लाख परिवार अति गरीब
सामाजिक-आर्थिक-जातीय जनगणना-2011 के अनुसार झारखंड के ग्रामीण इलाके में 5.27 लाख परिवार हैं, जिनकी मुखिया कोई महिला है. इनमें से 3.69 लाख परिवार गरीब या वंचित हैं, जबकि करीब डेढ़ लाख परिवार अति गरीब. इन्हीं में से दो हजार अति गरीब परिवारों को इस कार्यक्रम का लाभ दिलाने के लिए चुना गया है.
कैसे हो रहा काम
सामाजिक-आर्थिक-जातीय जनगणना-2011 के आधार पर परिवारों का चयन
प्रशिक्षण के जरिये इनका अात्मविश्वास बढ़ा कर इनके लिए आजीविका के साधन या किसी उद्यम का चयन कराना
इसके लिए इन परिवारों को कृषि या गैर कृषि संपत्ति उपलब्ध कराना तथा तकनीकी प्रशिक्षण देना
इस दौरान प्रशिक्षण भत्ता मुहैया कराते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सामाजिक सुरक्षा, वित्तीय समावेशन, खुले में शौच से मुक्ति, साफ-सफाई व स्वच्छता, आजीविका तथा आय वृद्धि संबंधी कल्याणकारी पहलुअों की समझ के लिए साप्ताहिक प्रशिक्षण व सहयोग
परिवारों में लगातार बचत की आदत से साप्ताहिक या मासिक फंड विकसित करना
अंतत: परिवार को अति गरीबी से बाहर निकाल कर अाजीविका व व्यवहार में आत्मनिर्भर बना देना

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