रामगढ़. आजसू सह हजारीबाग लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी संजय मेहता ने कहा कि झारखंड में 2.88 लाख सृजित पद पर बहाली नहीं हुई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 4.88 सृजित पद है. झारखंड सरकार 75 प्रतिशत बहाली में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की बात कही है. यह भी अमल में नहीं हो रहा है. संजय मेहता रविवार को रामगढ़ में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड में माइनिंग क्षेत्र से प्राप्त राशि डीएमएफटी फंड का उपयोग संस्थागत विकास में नही हो रहा है. केंद्र व राज्य सरकार की योजनाएं विभिन्न मंत्रालयों से संचालित होती हैं. सड़क, पानी, बिजली, भवन निर्माण, जैसे कार्यों पर अधिक राशि खर्च की जा रही है. यह झारखंड के युवाओं के लिए सही नहीं है. डीएमएफटी फंड से स्थानीय स्तर पर कौशल विकास संस्थाओं पर खर्च होना चाहिए. अकुशल रहने के कारण युवाओं को नौकरी नहीं दी जाती है. डीएमएफटी फंड से युवाओं को उच्च कुशल कामगार बनाना चाहिए. श्री मेहता ने कहा कि झारखंड की काेयला खदान में डंफर, डोजर व अन्य टेक्निकल कार्यों के लिए बाहर के लाेगों को बहाल किया जाता है. कंपनियों द्वारा दलील दी जाती है कि स्थानीय कामगार तकनीकी रूप से कुशल नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सीएसआर फंड से स्थानीय नौजवानों को कुशल कामगार नहीं बनाया जा रहा है.
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