लीड..किसानों को नई तकनीक से उन्नत खेती करने की जरूरत: वैज्ञानिक प्रमोद
छतरपुर. प्रखंड सभागार में शुक्रवार को फसल सुरक्षा कार्यक्रम योजना को लेकर किसान-वैज्ञानिक अंतर्मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसकी अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी आशीष कुमार साहू ने की. मुख्य अतिथि कृषि अनुसंधान क्षेत्र चियांकी के वरीय वैज्ञानिक प्रमोद कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र प्रबंधक दिलीप कुमार पांडेय मौजूद थे. मौके पर वरीय वैज्ञानिक श्री कुमार ने कहा कि छतरपुर व आसपास के क्षेत्र में कृषि कार्य के लिए जल स्रोत की कमी है. जिससे पारंपरिक फसल भी अच्छे ढंग से नहीं हो पाती. बारिश की पानी के ऊपर यहां की खेती निर्भर रहती है. क्षेत्र के किसानों को नई तकनीक को समझकर उन्नत खेती करनी चाहिये. कृषि संसाधन की सबसे जरूरी चीज जमीन और जल होती है. जिसमें जल का संचयन बेहद जरूरी है. यहां के किसानों को खेती को विकसित करना पड़ेगा. जिससे खेती योग्य भूमि से अधिक से अधिक फसल उपजाया जा सके. पारंपरिक खेती की विविधीकरण करते हुए अन्य खेती करने की आवश्यकता है. कम पानी वाले फलदार वृक्ष जैसे अमरूद, एप्पल बेर, आंवला इत्यादि फसल किया जा सकता है, जो बाजार में अच्छे कीमत में बिकते हैं. कम जल से सिंचाई होने वाले ड्राई लैंड फसल की तकनीक को समझकर करने की आवश्यकता है. फसल की क्षमता बढ़ाने वाले मित्र कीट को समझ कर केमिकल मुक्त खेती को बढ़ावा देना चाहिये, जिससे शुद्ध फसल उपजाया जा सके. प्रक्षेप प्रबंधक श्री पांडेय ने बताया कि मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक तरीके का उपयोग किया जा सकता है. जिससे फसल का पोषक तत्व बरकरार रहे. बीडीओ श्री साहू ने कहा कि आज के दौर में उन्नत तरीके से खेती करने की आवश्यकता है. क्षेत्र के किसानों को नई तकनीक से खेती अपना विकास कर सकते हैं. जब तक किसान आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक देश आगे नहीं बढ़ेगा. कार्यक्रम का संचालन बीटीएम संजय कुमार ने किया. माैके पर मुखिया हरेंद्र सिंह, कृष्ण प्रसाद, लखन प्रसाद समेत छतरपुर, नावा बाजार, नौडीहा बाजार के कई पुरुष और महिला किसान मौजूद रहे.
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