प्रतिनिधि, हिरणपुर: ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का साधन बन चुका बकरी पालन कई महिलाओं के जीवन में बदलाव ला रहा है. हिरणपुर प्रखंड के डांगापाड़ा पंचायत स्थित बिंदाडीह गांव की पुलिन सोरेन ने बकरी पालन के जरिये न केवल आत्मनिर्भरता हासिल की, बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार किया. एक समय था जब पुलिन सोरेन जंगल से लकड़ी लाकर और मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करती थीं. लेकिन मजबूत इरादों और कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने अपनी दिशा बदल दी. वर्ष 2023 में वे जियन झरना नामक सखी मंडल से जुड़ीं, जो ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत पलाश झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा संचालित है. सखी मंडल से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पुलिन ने 10 हजार रुपये का ऋण लेकर बकरी पालन की शुरुआत की. धीरे-धीरे उन्होंने बकरियों का पालन-पोषण कर हिरणपुर हटिया और शादी समारोहों में बेचकर लगभग एक लाख रुपये की आय अर्जित की. इस कमाई से न केवल उनकी आमदनी में वृद्धि हुई, बल्कि उनके परिवार को भी बेहतर जीवन जीने का आधार मिला. बीडीओ दिलीप टुडू ने कहा कि पुलिन सोरेन की मेहनत और लगन काबिले तारीफ है. उन्होंने दिखा दिया कि आत्मनिर्भर बनने के लिए संसाधनों से अधिक जरूरी है इच्छाशक्ति. उनकी कहानी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी.
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