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शिक्षा के बिना संस्कार अधूरा है : ख्याली राम

शिक्षा के बिना संस्कार अधूरा है : ख्याली राम

लोहरदगा़ शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में दो दिवसीय क्षेत्रीय सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य उद्घाटन दीप प्रज्वलन और वंदना के साथ किया गया. इस अवसर पर प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल, क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम, क्षेत्रीय मंत्री राम अवतार नारसरिया, प्रदेश मंत्री ब्रजेश कुमार, बेल राजा पहड़ा लक्ष्मी भगत, प्रदेश सचिव नकुल शर्मा, कार्यक्रम संयोजक शाशिधर लाल अग्रवाल और प्रधानाचार्य बिपिन कुमार दास सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे. महोत्सव की शुरुआत आकर्षक संस्कृति झांकी यात्रा से हुई, जिसमें राम दरबार, शिव बारात, सरहुल पर्व, करमा पूजा, नवदुर्गा एवं छठ महापर्व की मनमोहक झांकियों ने दर्शकों का मन मोह लिया. यह झांकी यात्रा सुंदरी देवी सरस्वती शिशु मंदिर से प्रारंभ होकर शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर के परिसर तक पहुंची. दीप प्रज्वलन के उपरांत मुख्य अतिथि ने महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन किये़ उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने क्षेत्रीय संस्कृति, शिक्षा और संगठनात्मक विकास पर अपने विचार साझा किये. संस्कृति राष्ट्र की आत्मा और सभ्यता उसका शरीर : प्रदेश मंत्री ब्रजेश कुमार ने कहा कि संस्कृति राष्ट्र की आत्मा है और सभ्यता उसका शरीर. दोनों मिलकर राष्ट्र की पहचान और समृद्धि को सुनिश्चित करते हैं. क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम ने कहा कि शिक्षा के बिना संस्कार अधूरा है और संस्कार ही शिक्षा की आत्मा है. अध्यक्षीय आशीर्वचन में राम अवतार नारसरिया ने कहा कि संस्कृति जीवन की शैली है और शिक्षा उसे दिशा देने वाली शक्ति. दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, शिक्षा जीवन जीने की कला सिखाती है और संस्कृति जीवन के उद्देश्य की दिशा दिखाती है. महोत्सव के प्रथम दिवस में संस्कृति प्रश्न मंच, सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं, प्रदर्शनी और लोककला प्रदर्शन का आयोजन किया गया. झारखंड–बिहार के ऐतिहासिक स्थल, धार्मिक व्यंजन, पर्व-त्योहार, मंदिर और पर्यटन स्थलों पर आधारित प्रदर्शनी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया. विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक नृत्य, गीत और नाटक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम संयोजक शाशिधर लाल अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन किया. मंच संचालन जमशेदपुर विभाग के ब्रेन कुमार टुडू ने किया और ज्ञान एवं सत्य के महत्व पर प्रकाश डाला. पहले दिन के कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अतिथियों ने विद्यार्थियों में संस्कृति, एकता, सहयोग और संगठन भावना विकसित करने के उद्देश्य की सराहना की. आयोजन समिति के अनुसार, दूसरे दिवस में उत्तर पूर्व क्षेत्र के कई विद्यालयों के विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे. इस दो दिवसीय महोत्सव का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपराओं से जोड़ना, उनकी सांस्कृतिक समझ बढ़ाना और उनमें सहयोग व संगठन भावना का विकास करना है.

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