लोहरदगा़ लोहरदगा जिला में त्योहारों को लोग मिलजुलकर उत्साह और भाईचारे के साथ मनाते हैं, यही इस क्षेत्र की खूबसूरती और गंगा-जमुना तहजीब की मिसाल है. यहां पुलिस अधीक्षक सादिक अनवर रिजवी छठ पर्व के दौरान छठ घाटों की स्वयं सफाई करते हैं. रामनवमी, ईद, दशहरा, होली, कर्मा, सरहुल, क्रिसमस जैसे त्योहारों में लोग मिलजुलकर उत्साहपूर्वक हिस्सा लेते हैं. चार दिवसीय लोक आस्था, शुद्धता और पवित्रता का महापर्व छठ पूजा के लिए जिले के विभिन्न स्थानों में मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा सूप, दौरी, बेना, पंखा, नेचुआ, टोकरी, झाड़ू आदि की बिक्री की जाती है. गुदरी बाजार में विक्रेता आदिल अंसारी ने बताया कि उनकी मां शबनम खातून और दादा-दादी शमीमा खातून व उस्मान अंसारी कई पीढ़ियों से इस त्योहार में पूजा सामग्री कम मुनाफे में बेचते आ रहे हैं. वहीं अन्य विक्रेता रोशन, परवीन, पम्मी, गूडू आदि ने कहा कि हमारी कई पीढ़ियां इस त्योहार में सेवा और पुण्य दोनों कमाती रही हैं. उन्होंने कहा कि यह सूर्य उपासना का पर्व समाज में एकता, स्वच्छता, अनुशासन और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है और यही भाईचारगी लोहरदगा को मजबूत बनाती है. महंगाई के बावजूद इस वर्ष पंखा 50, टोकरी 100-400, झाड़ू 100 और सूप 200 रुपये में उपलब्ध हैं. पूजा को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है और लोग भक्ति और आस्था के साथ पूजन सामग्री खरीद रहे हैं.
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