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स्थानीय नीति में स्थानीयता का मापदंड नहीं

झाविमो की आर्थिक नाकाबंदी 11-12 जून को झुमरीतिलैया : झारखंड सरकार द्वारा पारित की गयी स्थानीय नीति में स्थानीयता का कोई मापदंड नहीं है. उक्त बातें झाविमो के केंद्रीय प्रवक्ता खालिद खलील ने मंगलवार को होटल सूर्या में आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं. उन्होंने कहा कि झाविमो बंदी और नाकेबंदी की पक्षधर नहीं है, मगर विवश […]

झाविमो की आर्थिक नाकाबंदी 11-12 जून को
झुमरीतिलैया : झारखंड सरकार द्वारा पारित की गयी स्थानीय नीति में स्थानीयता का कोई मापदंड नहीं है. उक्त बातें झाविमो के केंद्रीय प्रवक्ता खालिद खलील ने मंगलवार को होटल सूर्या में आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं. उन्होंने कहा कि झाविमो बंदी और नाकेबंदी की पक्षधर नहीं है, मगर विवश होकर 11-12 जून को पूर्ण आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की गयी है.
उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय नीति को अविलंब वापस लें. इस स्थानीय नीति में खतियानी रैयत जिनका अंतिम सर्वे में नाम दर्ज हो, वह पीढ़ी दर पीढ़ी झारखंड में निवास करता हो तथा भूमिहीन होने के कारण उनका नाम खतियान में दर्ज नहीं हो, ऐसे लोगों को स्थानीय घोषित किया जाये.
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 16 का उपयोग करते हुए राज्य सरकार भारत सरकार के सहयोग से झारखंड में सभी वर्गों की नौकरियों को 20 वर्षों तक आरक्षित करें. आउटसोर्सिंग कंपनियां शत प्रतिशत झारखंडी नौजवानों को बहाल करें. सरकार विस्थापन व पुनर्वास आयोग का गठन करें, अन्यथा झाविमो का आंदोलन जारी रहेगा.
11-12 जून को एक भी खनिज संपदा को झारखंड से बाहर नहीं जाने दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि बिहार बॉर्डर पर अवस्थित कोडरमा से जानेवाले स्टोन चिप्स को इस दिन नहीं जाने दिया जायेगा. इस नाकेबंदी में राजद, झामुमो व कांग्रेस का सहयोग लेने के लिए बातचीत चल रही है. जिला अध्यक्ष वेदू साव ने कहा कि बाहरी कंपनियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता नहीं मिल रही है. लोगों को अधिकार देना होगा.
मौके पर नगर अध्यक्ष अरशद खान, लक्ष्मण मंडल, महेंद्र साव, अंगलाल राम, राजेंद्र सिंह, राजेंद्र पांडेय, सतीश मिर्धा, गणेश दास, राजू सिंह, सरवर खान, मनोज यदुवंशी, जावेद मस्तान, नजाम खान आदि मौजूद थे. इधर, आर्थिक नाकेबंदी को सफल बनाने को लेकर पार्टी की बैठक छाबड़ा लॉज में जिलाध्यक्ष वेदू साव की अध्यक्षता में हुई. बैठक में नाकेबंदी पर चर्चा करते हुए इसे सफल बनाने के लिए चार टीम का गठन किया गया.
मंडल अध्यक्षों को निर्देश दिया गया कि वे इस आंदोलन की सफलता के लिए योजना तैयार करें. मौके पर राजेंद्र सिंह, सुरेश प्रसाद यादव, डाॅ निजाम खान, राजू सिंह, दयानंद कुमार राणा, जागेश्वर कुमार, कैलाश साव, इस्लाम, मुख्तार अंसारी, सिकंदर बक्श, शिवशंकर मंडल मौजूद थे.

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