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कोडरमा : माफिया-सिस्टम के गंठजोड़ से लूटी जा रही मंदिर ट्रस्ट की जमीन

जिले के भूमाफिया किसी भी तरह की जमीन को सही बात कर बेच दे रहे हैं. जिस जमीन में नियमों का पेच फंस रहा है, उसे बेचने के लिए सिस्टम के साथ गंठजोड़ कर रास्ता निकाल ले रहे हैं. झुमरीतिलैया शहर के विशुनपुर मौजा में ‘श्री रक्षा काली माता ट्रस्ट’ की जमीन को लेकर ऐसा ही हो रहा है.

कोडरमा, विकास. जिले के भूमाफिया किसी भी तरह की जमीन को सही बात कर बेच दे रहे हैं. जिस जमीन में नियमों का पेच फंस रहा है, उसे बेचने के लिए सिस्टम के साथ गंठजोड़ कर रास्ता निकाल ले रहे हैं. झुमरीतिलैया शहर के विशुनपुर मौजा में ‘श्री रक्षा काली माता ट्रस्ट’ की जमीन को लेकर ऐसा ही हो रहा है. खास बात यह है कि उक्त ट्रस्ट की जमीन की बिक्री और दाखिल-खारिज को लेकर कोडरमा अंचल के पूर्व अंचल अधिकारी अशोक राम की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ चुके हैं. वर्तमान में उसी जमीन से संबंधित दाखिल-खारिज एक साथ बड़ी संख्या में करने की तैयारी चल रही है.

रिकॉर्ड में श्री रक्षा काली माता ट्रस्ट के नाम से 28.52 एकड़ जमीन विशुनपुर मौजा में थाना नंबर-250, खाता नंबर-02 में दर्ज है. इसमें से करीब 18.51 एकड़ जमीन ईस्ट इंडिया रेलवे द्वारा पहले अधिग्रहित की जा चुकी है. जमीन के प्लॉट नंबर-19 का 9़ 51 एकड़ एरिया की जमाबंदी श्री रक्षा काली माता ट्रस्ट सेवारत विश्वजीत सामंतो के नाम पर है. इस जमीन की लगान रसीद 1983 से 2016 तक का प्रस्तुत कर 2017 में ट्रस्ट के चेयरमैन उत्पल दत्त सामंतो ने बेचने की अनुमति अंचल कार्यालय से मांगी थी. इसी के बाद गड़बड़ी का खेल शुरू हुआ.

बताया जाता है कि उस समय ट्रस्ट को लेकर बनाये गये नियमों को दरकिनार कर भूमाफियाओं ने जैसे-तैसे जमीन बेच डाली. 2017 में प्लॉटिंग कर कई लोगों को जमीन की बेची गयी और इसका निबंधन रजिस्ट्री कार्यालय में करा दिया गया. जबकि, ट्रस्ट के नियमानुसार दो तिहाई जमीन की ही बिक्री की जा सकती थी. वह भी तब जब श्रीश्री काली माता मंदिर के उत्थान व पुनर्निर्माण या विकास के लिए पैसों की जरूरत होगी. जमीन की बिक्री करने के बाद जब मामला दाखिल-खारिज का आया, तो पहले पेच फंसता रहा. बाद में कुछ का दाखिल-खारिज कर दिया गया, तो सवाल उठने लगे. बाद में अधिकारी अपने ही आदेश को पलटते रहे.

श्री रक्षा काली ट्रस्ट की जमीन को लेकर पूर्व में कुछ दाखिल-खारिज स्वीकृत किया गया था, लेकिन बाद में इसे अस्वीकृत करने का आदेश जारी होने की जानकारी है. हालांकि, कितनी जमीन की बिक्री हुई है, इसकी जांच नहीं हुई है.

अनिल कुमार, सीओ, कोडरमा

मामले की पूरी जांच करायी जायेगी. हाल में जिन पांच मामलों में आदेश दिया गया है, वह सिर्फ उसी के लिए है, न की पूरी जमीन के लिए. ट्रस्ट की कितनी जमीन की बिक्री हुई है, इसकी जांच करा आगे की कार्रवाई की जायेगी.

आदित्य रंजन, डीसी, कोडरमा

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