Jamshedpur news.
पूर्वी सिंहभूम जिले के सरकारी शिक्षकों को परिवहन भत्ता के साथ ही उन्हें मकान किराया भत्ता भी नहीं मिलता है. यह मामला कोर्ट में चल रहा है. हालांकि, WP (S) नंबर 3574/ 2022 राजेंद्र कुमार कर्ण एवं अन्य बनाम राज्य सरकार के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 31 जनवरी 2023 को पारित न्यायादेश में कहा गया है कि जब तक उच्च न्यायालय द्वारा अंतिम कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाता, तब तक मकान किराया भत्ता और परिवहन भत्ता का भुगतान शिक्षकों को नियमित होता रहेगा, लेकिन पूर्वी सिंहभूम जिले में इस पर रोक लगायी गयी है, जबकि सरायकेला, रांची, बोकारो और धनबाद जैसे जिलों में इसका भुगतान किया जा रहा है. जिले के शिक्षकों ने मकान व परिवहन भत्ता जारी करने की मांग की है. इसे लेकर शनिवार को झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षा अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा. इस प्रतिनिधिमंडल में अरुण कुमार, राजेंद्र कर्ण, रमाकांत शुक्ला, टीप्रु तीयु, ननी गोपाल हेंब्रम, महेंद्र नाथ मुर्मू ,उत्तम कुमार सिंह, पी सत्यनारायण राव, गणपति एवं उत्तम सरदार उपस्थित थे.अंतर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग
शिक्षक संघ की ओर से बताया गया कि सरकार के सचिव के ज्ञापांक 522 रांची दिनांक 14/05/25 के आलोक में जिला संवर्ग के शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के निर्माण में विलंब होने की स्थिति में पूर्व की तरह ही मैन्युअल रूप से करने का निर्देश प्राप्त है. अत्यंत गंभीर रोग से ग्रसित एवं अनेक वर्षों से सुदूरवर्ती/दुर्गम प्रखंड में पदस्थापित शिक्षकों का स्थानांतरण एवं पारस्परिक स्थानांतरण जिला शिक्षा स्थापना समिति के माध्यम से पूर्व की भांति करने की मांग की गयी. साथ ही सरकार के संयुक्त सचिव के ज्ञापांक 65 दिनांक 15/05/25 के आलोक में अपने जिले के शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण निर्धारित समय सीमा में पारदर्शी तरीके से करने की मांग की गयी.
बाल भारती जैप 6 मध्य विद्यालय में महिला शिक्षिकाओं को नहीं मिलता है एसएल
बाल भारती जैप 6 मध्य विद्यालय सिदगोड़ा जमशेदपुर 1 में पदस्थापित महिला शिक्षिकाओं को विशेष आकस्मिक अवकाश (एसएल) नहीं दिया जाता है. इसे लेकर पूर्व में कई बार जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में शिकायत की गयी थी. शनिवार को जिला शिक्षा अधीक्षक को एक बार फिर इस मामले की जानकारी दी गयी. बताया गया कि यह स्कूल पूरी तरह से सरकारी विद्यालय है. वहां पुलिस के जवानों द्वारा प्रभारी प्रधानाध्यापक का कार्य करते हुए विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. उक्त विद्यालय में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं को विशेष आकस्मिक अवकाश के उपभोग करने की अनुमति भी नहीं दी जा रही है, जो पूरी तरह से विभागीय नियमों की अवहेलना है.
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