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जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउनशिप के गठन की तैयारी पूरी, सरकार और टाटा स्टील के बीच यह फार्मूला तय

जमशेदपुर औद्योगिक नगरी के गठन की तैयारी पूरी है, नगर विकास विभाग का प्रस्ताव कैबिनेट की सहमति के लिए भेजा गया है. आज इस पर फैसला होगा. जमशेदपुर के लोगों की इस पर नजर रहेगी कि यहां के लोगों को तीसरा मत देने का अधिकार मिलता है या नहीं.

लंबे समय से टल रहे जमशेदपुर औद्योगिक नगरी (जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउनशिप) के गठन की तैयारी पूरी हो गयी है. नगर विकास विभाग के संबंधित प्रस्ताव पर तीन नवंबर को होनेवाली कैबिनेट में सहमति के लिए भेज दिया गया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि जमशेदपुर में नगर निगम नहीं बनाया जायेगा. यहां इंडस्ट्रियल टाउनशिप का गठन किया जायेगा. टाउनशिप में टाटा लीज क्षेत्र के अलावा बाहरी क्षेत्र को भी शामिल किया जा सकता है. टाटा स्टील के सहयोग से जिला प्रशासन की कमेटी टाउनशिप क्षेत्र का संचालन करेगी. कमेटी का नाम जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउनशिप होगा. नगर विकास विभाग ने समिति और औद्योगिक नगर गठित करने की योजना बना ली है. जमशेदपुर औद्योगिक टाउनशिप में राज्य सरकार के अलावा उद्योगों से जुड़े लोग और स्थानीय प्रतिनिधि शामिल होंगे. टाउनशिप के अध्यक्ष पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त होंगे. टाउनशिप में टाटा स्टील की भूमिका बेहतर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की होगी. टाउनशिप में विभिन्न सेवाओं के लिए अलग-अलग सेल बनाये जायेंगे. लाइसेंस जारी करने, प्रमाणन, अभिलेखों के रख-रखाव के लिए अलग-अलग सेल जिम्मेवार होंगे. इसके अलावा केंद्र व राज्य सरकार, सांसदों, विधायकों को क्षेत्र के विकास में प्रदत्त निधि के खर्च के लिए भी सेल उत्तरदायी होगी. सरकार द्वारा दिये जानेवाला अनुदान टाउनशिप के माध्यम से ही क्षेत्र के विकास पर खर्च किया जायेगा. होल्डिंग वसूली और नक्शा पास करने का जिम्मा भी टाउनशिप का होगा.

  • टाउनशिप में टाटा लीज क्षेत्र के अलावा बाहरी क्षेत्र को भी किया जा सकता है शामिल

  • टाटा स्टील के सहयोग से जिला प्रशासन की कमेटी टाउनशिप क्षेत्र का करेगी संचालन

  • टाउनशिप के अध्यक्ष पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त होंगे

  • नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करायेगी टाटा स्टील

तीसरा मताधिकार मिलेगा या नहीं, इस पर नजर

जमशेदपुर के लोगों की इस पर नजर रहेगी कि यहां के लोगों को तीसरा मत देने का अधिकार मिलता है या नहीं. दरअसल, यहां कोई भी नगर निकाय नहीं होने के कारण यहां के लोगों को आज तक तीसरे मत का अधिकार नहीं मिल पाया है. ऐसे में इस पर लोगों की नजर रहेगी कि वे लोग तीसरे मताधिकार पा सकेंगे या नहीं. संविधान के मुताबिक, लोगों को तीन मत का अधिकारा प्राप्त है.

सरकार और टाटा स्टील के बीच यह फार्मूला तय

जमशेदपुर अक्षेस का पूरा एरिया ही इंडस्ट्रियल एरिया होगा. लक्ष्मीनगर, जेम्को समेत आसपास के 160 एकड़ की जमीन को समाहित करते हुए इसे जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउन में लाया जायेगा और लीज से बाहर की गयी जमीन को भी लीज क्षेत्र में समाहित किया जायेगा. इसके बाद संचालन के लिए जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउनशिप कमेटी बनायी जायेगी. शपथपत्र के साथ राज्य सरकार की 11 सितंबर 2020 को हुई बैठक का भी पत्र दिया गया है. इसमें प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है और इस पर विचार करने के बाद रूपरेखा तय की गयी है. बैठक में ही तय किया गया कि जमशेदपुर अक्षेस की 15,725 एकड़ जमीन के साथ ही 86 बस्तियों को भी टाटा लीज समझौता के अधीन लाया जायेगा. इंडस्ट्रियल टाउन कमेटी के मुखिया पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त होंगे.

1990 से यह मामला

बिहार के तत्कालीन सरकार ने वर्ष 1990 में जमशेदपुर को नगर निगम बनाने की अधिसूचना निकाली थी. इसके बाद उक्त अधिसूचना को भारी विरोध के बाद वापस ले लिया गया. वर्ष 2005 में जब राज्य के नगर विकास मंत्री रघुवर दास थे, तब एक अधिसूचना निकाली गयी, जिसमें जमशेदपुर को फिर से नगर निगम बनाया जाना था. इस वक्त भी काफी विरोध हुआ, जिसके बाद से लगातार आंदोलन हुआ और झारखंड सरकार ने फैसले को वापस ले लिया. इस बीच इस मुद्दे को पहले लोअर कोर्ट, फिर हाइकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक सामाजिक कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ले जाते रहे. करीब तीन बार इस मामले में अलग-अलग फैसला कोर्ट का भी आया, जिसके बाद अब सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि वे लोग इंडस्ट्रियल टाउन बनाना चाहते है.

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