गंभीर अपराध की सजा निर्धारित करने में पद और कद आड़े नहीं आता, पिस्टल रखने, बेचने वाले पर कार्रवाई की मांग
विधायक ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा- यह मामला आर्म्स एक्ट के उल्लंघन का
Jamshedpur News :
विधायक सरयू राय ने उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी को पत्र लिखकर पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ 0.45 बोर की अवैध (प्रतिबंधित) ग्लॉक पिस्टल रखने, बेचने एवं इसका लाइसेंस जारी करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. कहा कि विलंब से ही सही जिला प्रशासन की यह पहल सराहनीय एवं विधि सम्मत है, पर पर्याप्त नहीं है. सरयू राय ने लिखा कि प्रतिबंधित आग्नेयास्त्र रखना कानूनन जुर्म है, दंडनीय अपराध है, इसे बेचना और इसका लाइसेंस जारी करना भी दंडनीय अपराध है, इससे उपायुक्त अवगत हैं. आर्म्स एक्ट-1959 की धारा-25 में इसके लिए दंड का प्रावधान है. विधायक सरयू राय ने लिखा है कि प्रावधान से स्पष्ट है कि प्रतिबंधित आग्नेयास्त्र धारक को कम से कम पांच वर्ष की कैद की सजा होगी, जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक यह सजा सात वर्ष से कम की नहीं होगी और इसे 24 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. श्री राय ने लिखा कि इस संबंध में उन्होंने 28 अप्रैल 2023 को पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिखा था और उनसे अवैध आग्नेयास्त्र धारक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सरयू राय के अनुसार, इसके पूर्व झारखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, बंगाल के अपर मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिरीक्षक, गृह मंत्रालय के अपर सचिव को पत्र लिखकर बताया था कि तत्कालीन मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रतिबंधित ग्लॉक पिस्तौल रखी है, जो कानूनन जुर्म है और दंडनीय अपराध है. उस समय जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. उल्टे उन्हें प्रतिबंधित पिस्तौल का लाइसेंस जारी कर दिया. अब जबकि यह प्रतिबंधित पिस्तौल जब्त कर ली गयी है, तब यह जरूरी हो गया है कि आर्म्स एक्ट के अधीन इसके अवैध धारक पर, इसे उन्हें बेचने वाले पर, इसका लाइसेंस उन्हें जारी करने वाले पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

