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Jamshedpur News : एमजीएम अस्पताल के ब्लड बैंक में पिछले तीन साल में 56 यूनिट ब्लड मिले एचआइवी संक्रमित

Jamshedpur News : एमजीएम अस्पताल के ब्लड बैंक को मिलने वाले रक्त को जांच के बाद ही मरीजों को रक्त चढ़ाया जाता है.

एमजीएम ब्लड बैंक की जांच के लिए विभाग ने बनायी दो सदस्यीय टीम

Jamshedpur News :

एमजीएम अस्पताल के ब्लड बैंक को मिलने वाले रक्त को जांच के बाद ही मरीजों को रक्त चढ़ाया जाता है. एमजीएम ब्लड बैंक से मिली रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन सालों में ब्लड बैंक को मिले रक्त में 56 यूनिट रक्त एचआईवी, 17 यूनिट वीआरडीएल, 22 यूनिट वैसे थे, जो मरीज को किसी कारण से आधा ब्लड ही चढ़ सका था. इसके साथ ही अस्पताल में 70 यूनिट रक्त एक्सपायर हो गये. जिसे नष्ट कर दिया गया. एमजीएम ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ वीभीवीके चौधरी ने बताया कि ब्लड जांच के बाद अगर उसकी रिपोर्ट में कोई रक्त संक्रमित पाया जाता है, तो उसको सबसे पहले मशीन से ऑटोक्लेप किया जाता है. उसके बाद उसको इंसीनेटर में जला दिया जाता है. उन्होंने बताया कि आटोक्लेव में भाप द्वारा जीवाणु रहित करने की प्रक्रिया अपनायी जाती है, जो दबाव, तापमान और समय पर आधारित होती है और ये सभी मिलकर सूक्ष्मजीवों के जीवन के सभी लक्षणों को नष्ट कर देते हैं.

एमजीएम ब्लड बैंक की जांच के लिए विभाग ने बनायी दो सदस्यीय टीम

चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और सरकार गंभीर है. इसको लेकर विभाग की ओर से कोल्हान के सभी ब्लड बैंकों की जांच को लेकर पूर्वी सिंहभूम जिले के लिए तीन, पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला के लिए दो-दो टीम बनायी गयी है. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने सभी ब्लड बैंक को पत्र लिखकर अस्पताल के ब्लड बैंक में जांच से लेकर ब्लड लेने तक की क्या व्यवस्था है, उसकी रिपोर्ट मांगी है. एमजीएम अस्पताल में चल रहे ब्लड बैंक की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बनायी गयी है, जिसमें ड्रग विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर गौरव कुमार व एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ आर के मंधान को शामिल किया गया है.

एमजीएम और सदर अस्पताल में ब्लड संग्रह, जांच, स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध

जिले में सरकारी स्तर पर एमजीएम व सदर अस्पताल में ब्लड बैंक चलाया जाता है. इन दोनों बैंक में ब्लड संग्रह से लेकर जांच व स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध है. एमजीएम अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी वीभीवीके चौधरी ने बताया कि ब्लड बैंक में दो प्रकार से ब्लड संग्रह किया जाता है. पहला अस्पताल के ब्लड बैंक में व दूसरा शिविर लगाकर किया जाता है. ब्लड संग्रह करने के बाद उसकी एलाइजा मशीन व सीबी नेट मशीन से जांच की जाती है. उन्होंने कहा कि ब्लड का एलाइजा जांच एमजीएम में होती है, लेकिन सीबी नेट मशीन से जांच के लिए ब्लड सैंपल रांची भेजा जाता है. अगर सुबह जांच के लिए नमूना भेजा गया, तो शाम तक उसकी रिपोर्ट आ जाती है. रिपोर्ट आने के बाद ही मरीजों को ब्लड बैंक से रक्त दिया जाता है. इसके साथ ही अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन लगा हुआ है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा को अलग कर जरूरत के अनुसार मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है. इसके साथ ही अस्पताल में 16 फ्रीज हैं, जिसमें कम से कम पांच हजार यूनिट रक्त का संग्रह किया जा सकता है.

सदर अस्पताल में नहीं है ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन

खासमहल स्थित सदर अस्पताल में चल रहे ब्लड बैंक में अभी भी ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन नहीं है. जिसके कारण वहां मरीजों को होल ब्लड दिया जाता है, जबकि ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन लगाने के लिए जगह का चयन किया जा चुका है, लेकिन मशीन अभी नहीं आयी है. सदर अस्पताल के ब्लड बैंक के नोडल पदाधिकारी डॉ विमलेश कुमार ने बताया कि इस मशीन के लिए सिविल सर्जन के द्वारा लगातार विभाग को पत्र लिखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक में ब्लड संग्रह के लिए चेयर लगाया गया है. जांच के लिए मशीन लगी है. वहीं ब्लड बैंक में लगभग तीन हजार यूनिट रक्त रखने के लिए फ्रीज उपलब्ध है.

ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की टीम करती है जांच

एमजीएम के ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ वीभीवीके चौधरी ने बताया कि एमजीएम अस्पताल में चल रहे ब्लड बैंक की जांच हर साल होती है. इसकी जांच ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की केंद्र व राज्य की टीम के द्वारा की जाती है. उन्होंने बताया कि अभी दो माह पहले भी केंद्र व राज्य की टीम के द्वारा जांच की गयी थी.

किसी व्यक्ति का ब्लड लेने से पहले की प्रक्रिया क्या है

एमजीएम ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि अस्पताल के ब्लड बैंक में या शिविर में अगर किसी व्यक्ति का ब्लड लिया जाता है, तो सबसे पहले उसके मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी ली जाती है. उसके बाद ब्लड देने वाले व्यक्ति का शुगर, बीपी, वजन व हिमोग्लोबिन की जांच की जाती है. सब कुछ ठीक रहने पर ही उसका ब्लड लिया जाता है.

किस वर्ष कितने मिले संक्रमित ब्लड, कितने हुए एक्सपायर

वर्ष 2023 रक्त यूनिट

एक्सपायर- 22 यूनिटएचआइवी- 21 यूनिट

वीडीआरएल- 01आधा ब्लड ही चढ़ा वैसे रक्त- 07

वर्ष 2024 रक्त यूनिट

एक्सपायर- 32 यूनिटएचआइवी- 20 यूनिटवीडीआरएल- 08आधा ब्लड ही चढ़ा वैसे रक्त- 07

वर्ष 2025 रक्त यूनिट

एक्सपायर- 16 यूनिटएचआइवी- 15 यूनिटवीडीआरएल- 08आधा ब्लड ही चढ़ा वैसे रक्त- 08

पूरे कोल्हान में चल रहे ब्लड बैंक की जांच के लिए बनी टीम इस प्रकार है

पूर्वी सिंहभूम

एमजीएम ब्लड बैंक- ड्रग विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर गौरव कुमार व एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ आर के मंधान.

सदर अस्पताल- सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, ड्रग इंस्पेक्टर अबरार आलम.

जमशेदपुर ब्लड बैंक- सिविल सर्जन द्वारा नामित मेडिकल ऑफिसर व ड्रग इंस्पेक्टर अबरार आलम.

पश्चिमी सिंहभूम

सदर अस्पताल ब्लड बैंक- सिविल सर्जन पश्चिमी सिंहभूम, असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ राम चंद्र बेसरा, ड्रग इंस्पेक्टर सोनी बारा.

ब्लड ट्रांसफ्यूजन यूनिट टिस्को हॉस्पिटल नोवामुंडी व ब्लड सेंटर किरीबुरु, जनरल हॉस्पिटल, आरएमडी किरीबुरु- सिविल सर्जन के द्वारा नामित मेडिकल ऑफिसर, असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ राम चंद्र बेसरा.

सरायकेला-खरसावां

ब्लड सेंटर सदर अस्पताल- सिविल सर्जन सरायकेला-खरसावां, ड्रग इंस्पेक्टर सोनी बारा.

ब्लड सेंटर ब्रह्मानंद नारायणा हॉस्पिटल व ब्लड सेंटर नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- सिविल सर्जन द्वारा नामित मेडिकल ऑफिसर, असिस्टेंट डायरेक्टर गौरव कुमार

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