फूड प्वाइजनिंग से राजधानी की रफ्तार रूकी. रेलवे बोर्ड ने दिया जांच का आदेश
जमशेदपुर : नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस (22812) में शनिवार रात चिकन-पनीर मसाला सब्जी खाने वाले तीन दर्जन यात्री फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गये. कोच बी-3, बी-5, बी-8 व बी-9 के 36 यात्रियों की तबीयत अचानक सुबह बिगड़ गयी.
इसमें छोटे बच्चे भी शामिल थे. यात्रियों ने दस्त, पेट दर्द, बदन व हाथ में दर्द की शिकायत की है. यात्रियों को विभिन्न स्टेशनों पर चिकित्सा उपलब्ध करायी गयी. रेलवे बोर्ड ने घटना की जांच के आदेश दिये है. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) प्रबंधन ने पेंट्रीकार लाइसेंसी मेसर्स आरके एसोसिएट, दिल्ली से स्पष्टीकरण मांगा है. राजधानी के टाटानगर पहुंचने पर रेलवे फूड सेफ्टी टीम ने पेंट्रीकार से मसाला, तेल, चावल, आटा, दाल समेत अन्य खाद्य पदार्थ का नमूना जब्त किया है.
यात्रियों को ट्रेन में रात के खाने में चिकन और पनीर मसाला दिया गया था. रविवार तड़के चिकन व पनीर मसाला खाने वाले यात्रियों ने पेट दर्द की शिकायत की.
नई दिल्ली से हिजली आ रही विदिशा दास (बी3-बर्थ नंबर 16) ने टीटीइ को फूड प्वाइजनिंग की बात बतायी. इसके बाद रेलमंत्री को ट्वीट कर शिकायत दर्ज की. ट्वीट में बताया गया कि ट्रेन नंबर 22824 नई दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस के बी-3 कोच में कई यात्री फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गये हैं. इसके बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया. रविवार तड़के 5.20 बजे ट्रेन कोडरमा स्टेशन पहुंचने पर यात्री विदिशा दास व एक बच्चे को ओआरएस का घोल पिलाया गया अौर पेट दर्द की दवा दी गयी.
हालांकि धीरे-धीरे कई यात्रियों को शिकायत होने लगी. राकेश मिश्रा, सत्य प्रकाश, बबलू समेत आठ अलग-अलग यात्रियों ने फूड प्वाइजनिंग की शिकायत की. तब गोमो, बोकारो अौर मुरी स्टेशन पर रेलवे डॉक्टर ने यात्रा के दौरान 36 मरीजों का प्राथमिक इलाज किया और लगातार निगरानी की.
जमशेदपुर : 34 मिनट का सफर तय करने में लगा 3.12 घंटे
जमशेदपुर : नयी दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस में फूड प्वाइजनिंग की घटना के बाद यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर रेल प्रशासन अलर्ट पर रहा. सबकी नजर राजधानी के मूवमेंट और उसमें सवार यात्रियों पर टिकी थी. इसके बावजूद रविवार को राजधानी एक्सप्रेस को कांड्रा से टाटा लगभग 22 किमी की दूरी तय करने में 3.12 घंटे लग गये. रेलवे के मानक पर राजधानी के लिए यह समय 34 मिनट का है, और बीच में कोई स्टॉपेज भी नहीं है.
यह उस समय हुआ जब ट्रेन में 50 से अधिक यात्री फूड प्वाइजनिंग के शिकार थे और उनकी स्वास्थ्य जांच के लिए टाटानगर स्टेशन पर पूरा अमला इंतजार कर रहा था. राजधानी कांड्रा, बिरराजपुर, गम्हरिया, आदित्यपुर व टाटानगर स्टेशन के आउटर पर रुकते हुए 3.12 घंटे विलंब से टाटानगर स्टेशन दोपहर 1.47 बजे पहुंची. आपात स्थिति के बावजूद रेल प्रशासन ने सामान्य दिनों की तरह ट्रेन को पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर लिया.
टाटानगर स्टेशन पर फूटा लोगों का गुस्सा
राजधानी एक्सप्रेस में घटिया भोजन के कारण फूड प्वाइजनिंग और फिर ट्रेन को बार-बार रोकने से नाराज यात्रियों ने टाटानगर स्टेशन पर जमकर हंगामा मचाया. यात्री अरुण कुमार पांडा (पुरी निवासी) समेत अन्य यात्रियों के आक्रोश को लेकर सुरक्षा बल के जवान भी संशय में पड़ गये. हालांकि किसी तरह टाटा आरपीएफ की टीम ने यात्रियों को समझ-बुझाकर शांत किया. बताया जाता है कि दक्षिण पूर्व रेलवे जीएम के दौरे को लेकर चक्रधरपुर रेलमंडल का प्रशासनिक अमले का पूरा ध्यान उधर था.
टाटानगर में 18 मिनट रुकी रही राजधानी : फूड प्वाइजनिंग को लेकर रविवार दोपहर 1.47 बजे टाटानगर पहुंची राजधानी एक्सप्रेस 18 मिनट रुकी. इस दौरान बोकारो व मुरी से आयी मेडिकल टीम उतर गयी, जबकि टाटानगर से हिजली तक के लिए मेडिकल टीम ट्रेन में गयी. यहां इस ट्रेन का पांच मिनट का स्टॉपेज है.