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सदर में जन्म, एमजीएम में मौत, परिजन ने लगाया लापरवाही का आरोप, हंगामा

जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल के एनआइसीयू में भर्ती नवजात की मौत बुधवार की सुबह हो गयी. नवजात की मौत के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में जाकर हंगामा किया. परिजन सदर अस्पताल में नर्स व डॉक्टरों पर लापरवाही का अारोप लगा रहे थे. परिजनों का कहना था कि अगर नवजात की स्थिति अधिक खराब थी […]

जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल के एनआइसीयू में भर्ती नवजात की मौत बुधवार की सुबह हो गयी. नवजात की मौत के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में जाकर हंगामा किया. परिजन सदर अस्पताल में नर्स व डॉक्टरों पर लापरवाही का अारोप लगा रहे थे. परिजनों का कहना था कि अगर नवजात की स्थिति अधिक खराब थी और सदर अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं थी तो उसे पहले ही एमजीएम अस्पताल रेफर क्यों नहीं किया?
परिजनों का कहना था कि अगर समय रहते सदर अस्पताल से नवजात को रेफर कर दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी. अस्पताल में हंगामा होने के बाद होमगार्ड जवानों ने परसुडीह पुलिस को बुलाया. पुलिस के समझाने पर मामला शांत हुआ. दीपक सिंह ने सिविल सर्जन को लिखित शिकायत पत्र देकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.
बच्चे के मैला पीने से हुई मौत : डॉक्टर
सदर अस्पताल के डॉक्टर व नर्सों ने बताया कि शिशु ने गर्भ में ही शौच कर दिया था जो उसके मुंह में चला गया. अस्पताल में उपाधीक्षक सहित अन्य डॉक्टरों ने उसका सामान्य तरीके से प्रसव कराया. जन्म के बाद बच्चा रो नहीं रहा था. इलाज करने के बाद वह रोने लगा. पहले दिन बच्चा ठीक थी. दूसरे दिन बच्चे के परिजन आकर बोले की बच्चा दूध नहीं पी रहा है. देखने पर पता चला कि बच्चे का शरीर पीला पड़ रहा है. इसके बाद शिशु रोग विशेषज्ञ को बुलाया गया.
बच्चे की स्थिति गंभीर होने के कारण उसको आइसीयू की जरूरत थी. सदर अस्पताल में आइसीयू नहीं होने के कारण उसे एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया. वहां उसे एनआइसीयू में रखा गया. दूसरे दिन सुबह बच्चे की मौत हो गयी. उसके बाद लोगों ने सदर अस्पताल में आकर हंगामा किया.
दूध नहीं पीने की जानकारी देने पर भी नहीं की गयी कोई कार्रवाई : परिजन
रेलवे ट्रैफिक कॉलोनी, कीताडीह निवासी दीपक सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी आरती कुमारी को 17 सितंबर की सुबह सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी दिन दोपहर में सामान्य प्रसव हुआ. जन्म के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था. 18 तरीख को बच्चे की तबीयत अचानक खराब होने लगी. वह दूध नहीं पी रहा था.
इसकी जानकारी डॉक्टर व नर्स को दी गयी, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की. बच्चे की तबीयत अधिक खराब होने पर उसे एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया. यहां बच्चे को एनआइसीयू में रखा गया और 19 सितंबर की सुबह उसकी मौत हो गयी. मां आरती कुमारी का इलाज अब भी सदर अस्पताल में चल रहा है.

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