दुर्जय पासवान, गुमला
प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी को समाप्त करने के बाद अब गुमला पुलिस का अगला टारगेट झांगुर गुट के सुप्रीमो रामदेव उरांव है. पुलिस रामदेव को पकड़ने के लिए उसके पीछे पड़ी हुई है. परंतु, जेजेएमपी के सफाया के बाद रामदेव डर से गुमला छोड़ दूसरे जगह पलायन कर गया है. रामदेव को अंतिम बार गुमला जिले के घाघरा प्रखंड स्थित देवरागानी गांव में 20 जनवरी 2025 को देखा गया था. उस समय पुलिस के साथ रामदेव की मुठभेड़ भी हुई थी. परंतु, वह भाग निकला था. इसके बाद से रामदेव उरांव लापता है. हालांकि, पुलिस सूत्रों के अनुसार रामदेव गुमला जिला से भाग गया है. कभी कभार ग्रामीण वेशभूषा में वह गुमला आता है. ऐसे, पुलिस खुफियातंत्र के माध्यम से रामदेव का पता लगा रही है. ताकि उसे मुठभेड़ में मारा जाये या तो पकड़ा जाये. ऐसे, पुलिस ने सरेंडर करने के लिए रामदेव उरांव के लिए दरवाजा खोलकर रखी है. पुलिस के अनुसार अगर रामदेव सरेंडर करता है तो उसे ही फायदा होगा. सरकार की सरेंडर पॉलिसी का उसे लाभ मिल सकता है. यहां बता दें कि झांगुर गुट के सुप्रीमो रामदेव उरांव 2002 से आतंक बना हुआ है. बिशुनपुर, चैनपुर व घाघरा इलाके में उसका दहशत है. इन तीनों थानों में इसके खिलाफ 50 से अधिक मामले दर्ज है. इसमें नरसंहार की घटना भी शामिल है. रामदेव कुख्यात नक्सली है. लेकिन पुलिस उसे पकड़ने में अबतक सफल नहीं हो पायी है. सबसे बड़ी बात कि 23 वर्षो में पुलिस ने मात्र दो बार रामदेव के खिलाफ उसके ठिकाने देवरागानी में सर्च ऑपरेशन चलायी है. वर्ष 2013 में रामदेव के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चला था. उस समय भी वह बच निकला था. इसके बाद कई महीनों तक वह छिपकर रह रहा था. इधर, 2013 के बाद 2025 के 20 जनवरी को दूसरी बार मुठभेड़ हुआ था. उस समय भी रामदेव बच निकला. इधर, 10 महीना हो गया. रामदेव गायब है. इसलिए, पुलिस यह मान रही है कि रामदेव गुमला से पलायन कर गया है. क्योंकि, रामदेव को डर है कि जेजेएमपी उग्रवादियों की तरह, कहीं मुठभेड़ में वह भी न मारा जाये.
रंगदारी से उसका जीवन चल रहा है
झांगुर गुट का सुप्रीमो मारकुस मुंडा था. 23 साल पहले मारकुस का क्षेत्र में दहशत था. लेकिन रामदेव ने मारकुस मुंडा को मार दिया. इसके बाद वह खुद सुप्रीमो बन बैठा. मारकुस के मरने पर अफवाह उड़ायी गयी थी कि उसे माओवादियों ने मारा है. रामदेव शुरू में छोटा मोटा क्राइम करता था. वर्ष 2004 में वह जेल भी जा चुका है. जब जेल से निकला तो झांगुर गुट में शामिल हो गया और मारकुस का सबसे नजदीकी हो गया. लेकिन उसने मारकुस को ही मारकर खुद पूरे संगठन को अपने हाथ में ले लिया.
छह शादियां की है, कई पत्नियां भी गायब
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