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रंग लायी पुलिस की चतुराई
छापामारी अभियान के कारण सेफ जोन में चले गये थे नक्सली बिशुनपुर (गुमला) : गुमला पुलिस ने पहली बार चाणक्य नीति अपनायी है. पहले नक्सलियों को भ्रमित करने के लिए इलाके में छापामारी अभियान शुरू किया़ तीन दिन तक बिशुनपुर प्रखंड के बनालात, जमटी, कटिया व कुमाड़ी में नक्सलियों को खोजने का बहाना बनाया. इसके […]
छापामारी अभियान के कारण सेफ जोन में चले गये थे नक्सली
बिशुनपुर (गुमला) : गुमला पुलिस ने पहली बार चाणक्य नीति अपनायी है. पहले नक्सलियों को भ्रमित करने के लिए इलाके में छापामारी अभियान शुरू किया़ तीन दिन तक बिशुनपुर प्रखंड के बनालात, जमटी, कटिया व कुमाड़ी में नक्सलियों को खोजने का बहाना बनाया. इसके बाद अचानक सोमवार को डीआइजी आरके धान व एसपी भीमसेन टुटी जमटी गांव पहुंच गये.
भाकपा माओवादियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. माओवादी छापामारी अभियान के कारण सेफ जोन में जाकर बैठ गये. इसका फायदा पुलिस ने उठाया. जमटी गांव के लोगों से पुलिस ने बात की.
इसके बाद गांव के सभी 24 बच्चों को अपने साथ सुरक्षित बिशुनपुर ले आयी. पुलिस ने नक्सलियों को चकमा दिया, यह उन्हें तब अहसास हुआ, जब दूसरे दिन प्रभात खबर में बच्चों को नक्सलियों के गढ़ से निकालने से संबंधित खबर प्रकाशित की गयी़
सूत्रों के अनुसार, माओवादी कमांडर नकुल बौखलाये हुए हैं. सूचना है कि नकुल ने अपने कुछ साथियों को जमटी गांव भेजा था, ताकि बच्चों के बारे में पता कर सके, लेकिन गांव के अधिकतर लोग बिशुनपुर थाना में थे. इस कारण नक्सलियों की ग्रामीणों से बात नहीं हो सकी. हालांकि नक्सली अभी भी उसी इलाके में हैं.
खाने-पीने व मनोरंजन की सुविधा है : बच्चों को बिशुनपुर थाना के एक भवन में रखा गया है. सुरक्षा की दृष्टिकोण से बच्चों को पुलिस की निगरानी में रखा गया है.
होली के बाद सभी बच्चों का विभिन्न स्कूलों में दाखिला कराया जायेगा. इसके लिए डीसी श्रवण साय ने डीएसई सच्चिदानंद द्विवेंदु तिग्गा, डीइओ नीरू पुष्पा टोप्पो व डीडब्ल्यूओ अनिल कुमार को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है़ वहीं जिस भवन में बच्चों को रखा गया है, वहां खाने-पीने के अलावा मनोरंजन के कई साधन हैं. यहां तक कि टीवी भी लगा दिया गया है.
जबतक बच्चों का स्कूलों में दाखिला नहीं हो जाता, जबतक बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति की गयी है. वह अभी बच्चों को पढ़ा रहे हैं. सोमवार से ही बच्चों की पढ़ाई शुरू हो गयी है. मंगलवार को भी बच्चे पढ़े. इस दौरान जिले के कई अधिकारी भी वहां मौजूद थे. डीसी व एसपी के साथ एसडीपीओ भूपेंद्र प्रसाद राउत, थानेदार मणिलाल राणा व जिले के अधिकारी थे.
गांव तक जाने की सड़क नहीं : बिशुनपुर प्रखंड का जमटी, कटिया, कुमाड़ी व बोरहा गांव तक जाने के लिए सड़क नहीं है. नदियों से होकर उबड़ खाबड़ रास्ता तय करके गांव जाना पड़ता है. अभी भी इस क्षेत्र के लोग विकास के लिए तरस रहे हैं, हालांकि बनालात एक्शन प्लान के तहत इन गांवों का चयन किया गया है. इन गांवों में विकास के कई काम होनेवालेे हैं.
बीडीओ रवींद्र गुप्ता के अनुसार, अभी पलायन रोकने के लिए जमटी गांव में पांच व कुमाड़ी गांव में तीन कुआं का निर्माण कराया जा रहा है. गांव के लोग इसमें मजदूरी कर रहे हैं. एसपी भीमसेन टुटी ने कहा कि जमटी में बहुत जल्द पुलिस पिकेट की स्थापना होगी. पहले से बनालात में पुलिस पिकेट है. जमटी में पुलिस होगी, तो लोग सुरक्षित महसूस करेंगे.
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