दुर्जय पासवान
गुमला : दिल्ली में मानव तस्करों द्वारा बेची जा रही गुमला की बेटियों के साथ अत्याचार व शोषण थम नहीं रहा है. प्रताड़ना से तंग आकर लड़कियां दिल्ली में आत्महत्या कर रही हैं. कम उम्र की लड़कियों को रेप कर मां भी बनाया जा रहा है. ऐसा ही दो मामला प्रकाश में आया है.
पहली घटना : प्रताड़ना से तंग आकर अनीसा ने जान दे दी
12 जनवरी 2018 को गुमला प्रखंड के सतपारा घट्ठा गांव की अनीसा लकड़ा (16 वर्ष) को उसकी ही फुफेरी बहन दिल्ली ले गयी थी. जहां मानव तस्कर राम के सहयोग से अनीसा को बेच दिया गया. दिल्ली में जिस घर में अनीसा काम करती थी.
उसे वहां प्रताड़ित किया जाता था. इससे तंग आकर अनीसा ने आत्महत्या कर ली. परिजनों को सूचना मिली, तो दिल्ली पहुंचे. शव का पोस्टमार्टम हुआ. दिल्ली पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया.
लेकिन मृतका की बड़ी बहन अगुस्टीना मिंज, जो दिल्ली में ही काम करती है, उसका कहना है कि उसकी बहन की हत्या कर शव को रेलिंग में टांग दिया गया था. वह अपनी बहन को न्याय दिलाना चाहती है. अगुस्टीन सोमवार को अपने पिता पास्कल लकड़ा व मां कुमुदनी देवी के साथ गुमला जिला मुख्यालय स्थित बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के कार्यालय पहुंची. जहां उन्होंने पूरी घटना की जानकारी देते हुए मामले की दोबारा जांच कराने की मांग की है.
दूसरी घटना : गुमला की 15 वर्षीय आशा (बदला हुआ नाम) की गरीबी का फायदा उठाकर मानव तस्करों ने वर्ष 2016 में दिल्ली में बेच दिया था.
गुड़गांव के एक घर में वह घरेलू काम करती थी. जहां उसके साथ रेप हुआ. रेप के बाद वह गर्भवती हो गयी. घर मालकिन ने उसका गर्भपात कराने की कोशिश की, लेकिन आशा नहीं मानी. आशा की स्थिति खराब होने पर घर की मालकिन उसे गुड़गांव अस्पताल लायी.
जहां उसका दोबारा गर्भपात कराने का प्रयास कि. लेकिन तभी इसकी सूचना शक्तिवाहिनी नामक संस्था को हो गयी. शक्तिवाहिनी ने आशा का गर्भपात होने से रोका. आशा ने अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया. अभी जांच चल रही है. शक्तिवाहिनी दिल्ली के ऋषिकेष के अनुसार, आशा के साथ रेप हुआ है. मानव तस्करी का एक केस महिला थाना गुड़गांव में दर्ज हुआ है.
मानव तस्करों ने दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर बेचा था
आशा से परिजनों ने वीडियो कॉलिंग से की बात
रेप पीड़िता आशा के परिजनों का गुमला स्थित घर का पता नहीं मिल रहा था. सीडब्ल्यूसी (गुमला) के चेयरमैन शंभु सिंह व एराउज चाइल्ड लाइन के अनानियस किड़ो ने आशा के घर का पता ढूंढा. सोमवार को परिजनों को सीडब्ल्यूसी कार्यालय बुलाया गया. जहां मोबाइल से वीडियो कॉलिंग के जरिये आशा और उसके परिजनों की बात करायी गयी. आशा की स्थिति देख परिजन रोने लगे.