संविधान के मौलिक अधिकार व न्यायिक व्यवस्था की दी गयी जानकारी प्रतिनिधि, महागामा डीएवी स्कूल ऊर्जानगर में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में निबंध, पोस्टर मेकिंग और स्लोगन लेखन प्रतियोगिता हुई. इसमें प्राचार्य एसके श्रीवास्तव ने बताया कि इसका उद्देश्य छात्रों में कानूनी जागरुकता बढ़ाना और समाज के कमजोर वर्गों तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने के प्रति उन्हें संवेदनशील बनाना है. कार्यक्रम में कक्षा 5वीं से 11वीं तक के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. प्रतियोगिता का मुख्य विषय “सभी के लिए समानता, अखंडता और सम्मान” रखा गया था. निबंध लेखन में छात्रों ने संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों और सामाजिक न्याय की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किया. पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता में न्याय, समानता एवं मानवाधिकारों से संबंधित प्रभावी संदेश प्रस्तुत किये गये. संचालन मनीषा कुमारी, एस मंडल और सुमन कुमार पंडित ने किया. टीम ने छात्रों को विधिक सेवाओं की उपलब्धता, निःशुल्क कानूनी सहायता तथा सामाजिक दायित्वों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. प्राचार्य ने कहा कि लोकतंत्र में कमजोर और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करना सरकार के साथ-साथ समाज की भी सामूहिक जिम्मेदारी है. कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपने संवैधानिक अधिकारों की जानकारी होना आवश्यक है. ताकि वह न्यायिक व्यवस्था का सही उपयोग कर सके. प्राचार्य ने छात्रों से अपील की कि वे स्वयं के साथ-साथ समाज के लोगों को भी अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करें.
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