गोड्डा जिले सहित पोड़ैयाहाट प्रखंड में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. बीते कई दिनों से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं बर्फीली पछुआ हवाओं ने शीतलहर को और तीव्र बना दिया है. दिन के समय भी ठंड का असर साफ दिखाई दे रहा है और रातें बेहद कनकनी भरी हो गयी हैं. इसका सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ रहा है. ठंड के कारण लोग केवल अत्यावश्यक कार्य होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं. सुबह और शाम के समय बाजारों में सन्नाटा रहता है और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी काफी कम हो गयी है. चौक-चौराहों पर लोग अलाव के सहारे ठंड से राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं.
गरीब और मजदूर वर्ग पर सबसे ज्यादा असर
ठंड के इस प्रकोप से सबसे अधिक प्रभावित गरीब, मजदूर वर्ग और बुजुर्ग हैं. रोज कमाने-खाने वाले लोग काम पर निकलने को मजबूर हैं, लेकिन ठंड के कारण उनकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं. कई जगहों पर अलाव की पर्याप्त व्यवस्था न होने से लोग ठिठुरते नजर आ रहे हैं.स्कूलों की टाइमिंग बदली, बच्चों को राहत
तेज ठंड को देखते हुए जिले के कई स्कूलों की समय-सारिणी में बदलाव किया गया है. कई शिक्षण संस्थानों में सुबह की कक्षाएं अब 9 बजे से शुरू की जा रही हैं, ताकि बच्चों को ठंड से बचाया जा सके. अभिभावकों ने प्रशासन के इस कदम को राहत भरा बताया है.
अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या
शीतलहर का असर स्वास्थ्य पर भी साफ दिखने लगा है. सदर अस्पताल, सीएचसी और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में ठंड से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. अनियंत्रित बीपी, शुगर, सांस लेने में तकलीफ, सर्दी-खांसी और संक्रमण से पीड़ित लोग बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं. इसके अलावा कोल्ड डायरिया, ठंड से अचेत होने, दमा रोगियों में घबराहट और चक्कर आने जैसी शिकायतें भी सामने आ रही हैं.चिकित्सकों ने दी सतर्क रहने की सलाह
डॉक्टर रमेश कुमार ने बताया कि ठंड के मौसम में बच्चों और वृद्धों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अत्यधिक ठंड में अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचें. थोड़ी सी लापरवाही भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है. चिकित्सकों ने गर्म कपड़े पहनने, शरीर को ढककर रखने और ठंड से बचाव के अन्य उपाय अपनाने की सलाह दी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

