शहरी क्षेत्र में लगातार गिरते जलस्तर को देखते हुए इस बार नगर परिषद ने बोरिंग वाहनों पर शिकंजा कसा दिया है. नगर परिषद क्षेत्र में होने वाले बोरिंग का अब हिसाब-किताब नगर परिषद रखेगा. इस बाबत कवायद तेज कर दी गयी है. नगर परिषद ने बगैर किसी सूचना के बोरिंग करा रहे दो बोरिंग वाहनों को जब्त करके जुर्माने की रकम भी वसूली है. इसके अलावा दोनों वाहनों को गोड्डा नगर परिषद क्षेत्र में बोरिंग कराये जाने के लिए निबंधन के रूप में 50 हजार की रकम भी वसूली गयी है. अब जिस भी घर में बोरिंग किया जायेगा, उसके मालिक को नगर परिषद को सूचना देनी होगी कि वे बोरिंग करवा रहे हैं. नहीं तो वहां भी जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान है.
डीप बोरिंग कराने के लिए करनी होगी माथापच्ची
वहीं डीप बोरिंग में तो और भी माथापच्ची कर दी गयी है. कोई भी आसानी से डीप बोरिंग नहीं करा सकेगा. इसके लिए कमेटी बनेगी, जो डीप बोरिंग की आवश्यकता पर रिपोर्ट देगी. बहुत जरूरत पड़ने पर ही डीप बोरिंग करने की अनुमति मिलेगी. ऐसे साधारण किसी भी बात पर डीप बोरिंग की अनुमति घर वालों को नहीं मिलेगी. वह इसलिए कि डीप बोरिंग से आसपास के तकरीबन 50 मीटर एरिया में पानी का लेवल अत्यंत नीचे चला जाता है. वाटर लेवल के लगातार नीचे चले जाने को लेकर नगर परिषद ने चिंता जाहिर की है. फिलहाल डीप बोरिंग पर एकदम मनाही की गयी है.बोरिंग वाहनों को 25 हजार रुपये में नप में कराना होगा निबंधन
जितने भी बोरिंग वाहन हैं, जो गोड्डा नगर परिषद क्षेत्र में बोरिंग का काम करेंगे, उसे नगर परिषद में निबंधन कराना होगा. निबंधन के रूप में तकरीबन 25 हजार की राशि विभाग में जमा करानी होगी. वहीं हरेक साल 5 हजार रुपये देकर वाहन का नवीनीकरण किया जा सकेगा. सिर्फ नगर परिषद में निबंधित बोरिंग वाहन ही बोरिंग कर सकेंगे, दूसरे को मनाही होगी. पकड़े जाने पर नगर परिषद बोरिंग वाहन से 25 हजार जुर्माने की रकम वसूल करेगा. इसका दो उद्देश्य है, एक तो नगर परिषद क्षेत्र में कराये गये बोरिंग का लेखा-जोखा नगर परिषद के पास रहेगा और दूसरा नगर परिषद को इन वाहनों से भी आय की प्राप्ति होगी.
हरेक साल किया जाता है दो से तीन सौ बोरिंग
जानकारी के अनुसार हरेक साल गोड्डा नगर परिषद क्षेत्र में 200-300 की संख्या में बोरिंग किया जाता है, जिससे भारी मात्रा में भू गर्भ जल का दोहन किया जाता है. नगर परिषद के शिकंजा कसे जाने से बोरिंग कराने की प्रक्रिया आसान नहीं रह जाएगी, जिससे कम से कम भूगर्भ जल का दोहन भी कम होगा. नगर परिषद के अनुसार उनके पास पर्याप्त मात्रा में शहरी पेयजलापूर्ति होती है. कनेक्शन के लिए कोई परेशानी नहीं है. इच्छुक शहरवासी कनेक्शन ले सकते हैं. बोरिंग कराये जाने की आवश्यकता नहीं है. विशेष परिस्थिति में ही घरों में बोरिंग कराये जाने की सलाह दी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

