गोड्डा : स्थानीय पानी विक्रेताओं पर आर्थिक संकट गहराने लगा है. एसडीओ के निर्देश व कार्रवाई के बाद कारोबारियों ने डीसी को पत्र लिख कर न्याय गुहार लगायी है. बताया है कि बैंक से कर्ज लेकर केवल टंकी के माध्यम से पानी पहुंचाने का काम करते हैं. उनका पानी शीलबंद नहीं होता है. इस कारण आइएसआइ और शुद्धता प्रमाणिकता की आवश्यकता नहीं है.
खुले जल में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में एफएफएसए 2006 के तहत वो काम कर रहे हैं. उपायुक्त को इस बात का पत्र भी शामिल करते बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक के अंतर्गत जल विक्रय करने के इच्छुक वैसे लोग जल को शीलबंद नहीं करेंगे. इसलिए आरओ मिनिरल वाटर प्लांट एफएसएस अधिनियम 2006 एवं खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनिमय 2011 के अंतर्गत नहीं आता है. व्यवसायइयों ने मुख्यमंत्री, सचिव, आयुक्त,
सांसद तथा विधायक को पत्र की प्रति देते गुहार लगायी कि बैंक द्वारा उन्हें कर्ज प्राप्त है. और वो इसका इस्तेमाल ओपेन जल के रूप में कर रहे हैं. प्रतिनिधि मंडल में अजीत डालमिया, राकेश कुमार भगत, राजेश कुमार डालमिया, संजय मोदी, नीरज कुमार, शशिभूषण भगत व बबलू के नाम शामिल हैं.