गिरिडीह लोकसभा सीट के लिए एनडीए ने आजसू विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. वह झारखंड सरकार में जल संसाधन व पेयजल स्वच्छता मंत्री भी हैं. वहीं दूसरी तरफ यूपीए महागठबंधन में झामुमो विधायक जगरनाथ महतो को चुनाव मैदान में उतारा है. क्षेत्र में काम करने के विजन को लेकर दोनों प्रत्याशियों से प्रभात चौपाल में पांच-पांच सवाल पूछे गये. अपने विजन को बताते हुए दोनों प्रत्याशियों ने जवाब दिये. बेरमो संवाददाता राकेश वर्मा की रिपोर्ट.
विकास के मामले में गिरिडीह को अव्वल बनायेंगे : चंद्रप्रकाश चौधरी
1. हम एनडीए के प्रत्याशी हैं. भाजपा व आजसू के संयुक्त उम्मीदवार हैं. हमलोगों का उद्देश्य देश में एनडीए को ज्यादा से ज्यादा सीट दिलाना और एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है. नरेंद्र मोदी ने देश में विकास के कई अभूतपूर्व कार्य किये हैं. विकास के मामले में रामगढ़ की तरह गिरिडीह को भी आगे ले जाने की मेरी प्रबल इच्छा है. जब देश में पुन: एनडीए की सरकार बनेगी, तो विकास के मामले में इस क्षेत्र का भी कायाकल्प होगा.
2. गिरिडीह संसदीय क्षेत्र से महागठबंधन की ओर से झामुमो के प्रत्याशी जगरनाथ महतो से मेरा कोई मुकाबला नही है. तीन बार वे भी विधायक रहे तथा तीन बार मैं भी विधायक रहा.
तीन बार के विधायक कार्यकाल में मैंने रामगढ़ को विकास के मामले में ऊंचे पायदान पर पहुंचाने का काम किया. जबकि डुमरी विधानसभा में विकास के नाम पर सिर्फ लूट-खसोट व गुंडागर्दी करने का काम किया गया. डुमरी विस क्षेत्र के लोगों को डराने-धमकाने का काम किया गया. विकास के मामले में मेरा एक लंबा अनुभव रहा है. अपने क्षेत्र के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों सहित पंचायतों में एक टीम बना कर मैंने काम किया है. अपने विस क्षेत्र के साथ-साथ पूरे झारखंड में मैंने विकास का काम किया है.
3. गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में कार्य करने की काफी संभावना है. इस क्षेत्र में कुछ बुनियादी समस्याएं हैं, जिसकी लोग कमी महसूस करते हैं. क्षेत्र में एक भी बढ़िया अस्पताल नहीं है. बच्चों को पढ़ने-लिखने के लिए एक बढ़िया टेक्निकल इंस्टीट्यूट तक नहीं है. बच्चों को बाहर पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. इसके अलावा सड़क बेहतर नहीं है.
बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. हर साल हजारों लोग इस क्षेत्र से रोजी-रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं. किसानों के लिए कोई बड़ी योजना नहीं है. सिंचाई की कहीं भी बेहतर व्यवस्था नहीं है. इस क्षेत्र के लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना, बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ना, किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करना, गिरिडीह में ट्रेन की व्यवस्था मेरी प्राथमिकता होगी.
4. मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि इस क्षेत्र को विकास के मामले में अव्वल स्थान पर पहुंचाया जाये. अभी नीति आयोग का जो सर्वे रिपोर्ट आयी है. उसमें मेरे विधानसभा क्षेत्र रामगढ़ को विकास के मामले में पूरे देश में तीसरा स्थान मिला है. सांसद बनने के बाद पूरे गिरिडीह संसदीय क्षेत्र रामगढ़ की तरह विकास के मामले में चमकाने का काम करेंगे, ताकि यह लोकसभा क्षेत्र भी विकास के मानचित्र पर अपना एक अलग स्थान बना सके.
5. रोजगार व शिक्षा की बेहतर व्यवस्था करना ताकि पलायन रुके. संसदीय क्षेत्र में पर्यटन को विकसित करने के साथ-साथ बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता होगी. बुनियादी सुविधाएं जब उपलब्ध हो जायेंगी, तो अन्य समस्याओं का भी निदान स्वत: हो जायेगा.
1 जनता आपको क्यों चुने?
2 आप दूसरे प्रत्याशी से किस मायने में अलग हैं?
3 आपकी क्या प्राथमिकता होगी?
4 ऐसा आप क्या नया करेंगे, जो अब तक क्षेत्र में नहीं हुआ?
5. संसद में क्षेत्र के कौन-कौन से मुद्दे और समस्याएं आपकी प्राथमिकताएं होंगी?
विस्थापन, रोजगार और पलायन की समस्या सदन में उठायेंगे : जगरनाथ
1. जनता मुझे इसलिए चुने, क्योंकि मैं 24 घंटे जनता की समस्याओं से जुड़ा रहता हूं. जितना हो सकता है हरसंभव ईमानदारी से समस्याओं का निदान करता हूं. पूरे क्षेत्र में जिस स्तर का भी काम होता है, उसके निदान की कोशिश करता हूं. मैंने अपने तीन बार के विधायक कार्यकाल में डुमरी विस क्षेत्र में ईमानदारी से शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली आदि के क्षेत्र में विकास किया है. जितना काम इस क्षेत्र में पिछले 50 साल में नहीं हुआ था, उतना मैंने 14 वर्षों में कर दिखाया है.
2. मैं क्षेत्र के लोगों के लिए हर वक्त सहज रूप से उपलब्ध हूं. सदन से लेकर सड़क तक लोगों के बीच सक्रिय रहता हूं. जबकि दूसरे प्रत्याशी सूबे के मंत्री हैं तथा उनका अपना रुतबा व काफी तामझाम है. वे ऐशो आराम की जिंदगी जीते हैं. चुनाव में करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. जबकि मैंने अपने तीन बार के विधायक कार्यकाल में विकास में किसी तरह की कमीशनखोरी नहीं चलने दी. मैंने पहली बार ही विधायक बनने के बाद यह शपथ ली थी कि योजनाओं में अगर कमीशन लूंगा, तो वो मेरे लिए गो-मांस खाने के समान होगा.
3. डुमरी विस की तरह पूरे गिरिडीह संसदीय क्षेत्र की जन समस्याओं का निदान मेरी पहली प्राथमिकता होगी. इस संसदीय क्षेत्र में बेरोजगारी व पलायन एक बड़ी समस्या है. इस क्षेत्र में एक उद्योग की स्थापना हो, इसके लिए प्रयास किया जायेगा. जनहित से जुड़े मुद्दों को संसद के पटल पर रख कर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का काम करेंगे. साथ ही इस क्षेत्र में विस्थापन की समस्या को दूर करना, कोलियरियों के लोकल सेल से जुड़े लोडिंग मजदूरों के लिए रोजी-रोटी की स्थायी रूप से व्यवस्था करना, ठेका मजदूरों से जुड़े सवाल के साथ-साथ बेरमो कोयलांचल वासियों को छाई के भयावह कहर से मुक्ति दिलाना भी प्राथमिकता होगी.
4. रोजगार सृजन के लिए उद्योग की स्थापना, किसानों के लिए सिंचाई की बेहतर व्यवस्था करना, क्षेत्र के पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देना. पारा शिक्षकों, सेविका, सहायिका, सहिया व अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण के लिए भी जोरदार आवाज उठायी जायेगी. कोई भी ऐसा नया काम जो इस क्षेत्र में नहीं हुआ है, उसका प्राथमिकता के आधार पर चयन कर उसे हर संभव पूरा करने का काम करेंगे.
5. संसदीय क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या का निदान प्राथमिकता होगी. विस्थापन, रोजगार व पलायन जैसी समस्या जैसे मुद्दे को पुरजोर रूप से उठाते हुए सरकार से निदान कराने का प्रयास किया जायेगा.
