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आदिम जनजाति के युवक ने किया समाहरणालय में आत्मदाह का प्रयास

गढ़वा : स्वरोजगार के लिए ऋण स्वीकृत होने के बाद भी लोन नहीं मिलने और बैंक मैनेजर के दुर्व्यवहार से आहत आदिम जनजाति के युवक महेंद्र परहिया ने मंगलवार को समाहरणालय में आत्मदाह का प्रयास किया़ सुरक्षाकर्मियों की तत्परता से उसकी जान बची. इसके बाद उसे उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा से मिलाया गया़ उपायुक्त ने […]

गढ़वा : स्वरोजगार के लिए ऋण स्वीकृत होने के बाद भी लोन नहीं मिलने और बैंक मैनेजर के दुर्व्यवहार से आहत आदिम जनजाति के युवक महेंद्र परहिया ने मंगलवार को समाहरणालय में आत्मदाह का प्रयास किया़ सुरक्षाकर्मियों की तत्परता से उसकी जान बची. इसके बाद उसे उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा से मिलाया गया़ उपायुक्त ने प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी वीरेंद्र किंडो को बुलाकर उसकी समस्या सुनने और हल कराने का निर्देश दिये़
गढ़वा जिले के डंडई थाना क्षेत्र के सुअरजंघा गांव निवासी महेंद्र परहिया ने पीएमजेएसवाई योजना के तहत किराना दुकान खोलने के लिए आवेदन दिया था. आठ माह पूर्व ही उसका लोन स्वीकृत होने के बाद भी पंजाब नेशनल बैंक (गढ़वा) से राशि नहीं मिली. उसने पूर्व में बैंक के विरुद्ध कारवाई के लिए उपायुक्त को भी आवेदन दिया था़, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण हताशा में उसने समाहरणालय में आत्मदाह करने का मन बनाया.
क्या है मामला
महेंद्र परहिया को उद्योग विभाग ने साक्षात्कार लेने के बाद तीन लाख रुपये ऋण के लिए योग्य पाते हुए पंजाब नेशनल बैंक (गढ़वा) को अनुशंसा कर भेजा था़ वह गांव में किराना दुकान खोल कर स्वावलंबी बनना चाहता था.
30 अगस्त 2016 से उसका आवेदन पत्र पंजाब नेशनल बैंक गढ़वा शाखा में पड़ा हुआ है, लेकिन उसे ऋण नहीं दिया गया़ दिसंबर में जब वह नये शाखा प्रबंधक से मिला, तो उन्होंने गणतंत्र दिवस के बाद आने को कहा. 26 जनवरी केे बाद फिर वह शाखा प्रबंधक एचएल मरांडी से मिला और लोन स्वीकृत करने का आग्रह किया. यह सुन शाखा प्रबंधक मरांडी नाराज हो गये और अपशब्द कह उसे भगा दिया़ महेंद्र परहिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह शाखा प्रबंधक के दुर्व्यवहार से आहत है. उसे उम्मीद थी कि उसे लोन मिल जायेगा और वह दुकान खोल अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकेगा.
काम की तलाश में गुजरात जाता है महेंद्र
महेंद्र परहिया ने बताया कि उसके गांव में कोई काम नहीं है़ वह चौथी कक्षा तक पढ़ा हुआ है़ उसके चार बच्चे है़ अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए वह गुजरात के जामनगर में मजदूरी करने बिचौलिये के माध्यम से जाता है़ उसने हा कि कई बार उसकी कमाई बिचौलिये खा गये है़ इसलिए उसने गांव में ही किराना दुकान खोलने की सोची थी़
अपशब्द नहीं कहा : शाखा प्रबंधक
इस संबंध में पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक एचएल मरांडी ने कहा कि उन्होंने महेंद्र को अपशब्द कभी नहीं कहा. उन्होंने स्वीकार किया कि उनके पास महेंद्र परहिया के ऋण से संबंधित अनुशंसा पत्र उद्योग विभाग के माध्यम से ऑनलाइन प्राप्त हुआ है, लेकिन व्यस्तता के कारण वह इसे नहीं देख सके है़ं उसे कब तक लोन मिलेगा पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार किया.
कल्याण विभाग से बिरसा आवास देंगे : वीरेंद्र किंडो
इस संबंध में जिला कल्याण पदाधिकारी वीरेंद्र किंडो ने कहा कि महेंद्र परहिया को बिरसा आवास का लाभ कल्याण विभाग की ओर से दिया जायेगा़ उपायुक्त के निर्देश पर वह बैंक प्रबंधक से भी पूछताछ कर रहे है़
किराना दुकान खोलने के लिए आठ माह से बैंक का चक्कर लगा रहा है महेंद्र परहिया
बैंक मैनेजर के दुर्व्यवहार से आहत होकर किया आत्मदाह का प्रयास
शरीर पर केरोसिन उड़ेल आग लगाने का कर रहा था प्रयास, सुरक्षाकर्मी ने बचायी जान

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