गढ़वा : गढ़वा जिले में अन्नकूट गोवर्द्धन पूजा सह भैया दूज का पर्व परंपरागत रूप से हर जगह मनाया गया़ महिलाओं ने अपने भाई के दुश्मनों का नाश करने व उनकी लंबी आयु के लिए झवंरा-भंवरा कूटा़ महिलाओं ने विभिन्न प्रकार के कांटेदार पौधों को इकट्ठा कर सामूहिक रूप से गीत गाते हुए कूटा़ इसको लेकर सभी गली मुहल्लों से झंवरा कुटीला भवंरा, कुटीला यम के द्वार… के गीत चारो ओर गूंज रहे थे़ गढ़वा शहर के अंदर बाजार से लेकर सभी मुहल्लों में जगह-जगह महिलाओ को भैया दूज के गीत गाते हुए सुना गया़
इसके बाद महिलाओं ने अपने भाइयों को भैया दूज का प्रसाद व अपने हाथों बनाये खीर खिलाकर उनकी लंबी आयु के लिए कामना की़ मान्यता है कि कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को जंगल के कांटेदार झाड़ियों को लाठी से कूटने से भाई के दुशमनों का नाश होता है़
गढ़वा जिले के सभी क्षेत्रों में यह त्योहार बड़े उल्लास के साथ महिलाओं द्वारा मनाया जाता है़ अधिकांश परिवारों की महिलाएं भैया दूज को लेकर अपने मायके आती है, और अपने भाई को अपने हाथों बनाया हुआ खीर खिलाती है़ भैया दूज का त्योहार जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों व ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास मनाया गया़ इस त्योहार को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया़ भैया दूज को लेकर सुबह से ही महिलाएं पूजन को लेकर जगह-जगह इकट्ठा हुई और समूह में भैया दूज का विधिवत पूजा- अर्चना अपने अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की और भाइयों को प्रसाद खिलाया़