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कस्तूरबा विद्यालय की छात्रा की मौत की होगी जांच

डीसी के निर्देश पर सीओ ने जांच की मेराल : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मेराल की मृत आदिवासी छात्रा मीना कुमारी की मौत को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है़ उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा ने मौत की खबर पर संज्ञान लेते हुए मेराल अंचलाधिकारी राजेश सहाय को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है़ […]

डीसी के निर्देश पर सीओ ने जांच की
मेराल : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय मेराल की मृत आदिवासी छात्रा मीना कुमारी की मौत को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है़ उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा ने मौत की खबर पर संज्ञान लेते हुए मेराल अंचलाधिकारी राजेश सहाय को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है़
इसके आलोक में अंचलाधिकारी श्री सहाय ने सोमवार को कस्तूरबा विद्यालय पहुंचकर मामले की जांच की़ इस दौरान अंचलाधिकारी ने वार्डेन अलका कुमारी एवं मीना की सहेली पुष्पा सहित अन्य छात्राओं से मीना की बीमारी एवं मौत के विषय में जानकारी ली़ जांच के दौरान छात्राओं ने वार्डेन के इस बयान को गलत बताया कि मीना 26 जनवरी के दिन प्रभातफेरी में शामिल हुयी थी़ मीना के साथ रहनेवाली उसकी चचेरी बहन व सहेली पुष्पा कुमारी ने बताया कि प्रभातफेरी में मीना पेट दर्द, बुखार व खांसी के कारण नहीं गयी थी़ उन्होंने कहा कि मीना पिछले कई दिन से खांसी बुखार से परेशान थी़
वार्डेन एवं छात्राओं से पूछताछ करने के बाद अंचलाधिकारी मीना के घर भी गये़ वहां उन्होंने उसके परिजनों को 50 किलो चावल एवं स्वयं तथा शिक्षा विभाग के लोगों से मिलाकर छह हजार रूपया नकद प्रदान किया़
साथ ही उन्होंने मीना के परिजनों को एक कुंआ देने का भी आश्वासन दिया़ इधर मीना की मौत के मामले में मेराल जिप सदस्य प्रतिनिधि अतहर अली एवं सर्वदलीय छात्र संघ के सदस्यों ने मीना की मौत पर सवाल खड़ा करते हुये इसमें चिकित्सीय लापरवाही को कारण बताया है़ इधर मीना के परिजनों ने उपायुक्त से इस मामले को स्वयं जांचकर इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है़
मेराल : कस्तूरबा गांधी आवासीय उच्च विद्यालय की छात्रा मीना की मौत के मामला को सर्वदलीय छात्र मोर्चा एवं युवा जागरूक मंच के सदस्यों ने गंभीर बताते हुए कहा है कि कस्तूरबा गांधी मे प्रतिनियुक्त चिकित्सक, वार्डन एवं शिक्षा विभाग के प्रशासनिक पदाधिकारी की लापरवाही का मामला साबित हुआ है.
उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रतिनिधि मंडल के साथ जाकर वार्डन अल्का कुमारी से बात किया तो पता चलता है कि जब मीना के शरीर में खून की कमी थी, वह खांसी-बुखार से ग्रसित थी, तो उसे प्रभात फेरी मे शामिल नहीं किया जाना चहिए था. स्थानीय चिकित्सक जब उसे देखे थे, तो मीना के घरवालों के पास रेफरल पर्ची होना चाहिए था.जब मीना खून की कमी (एनिमिया)से ग्रसित थी, तो उसका इलाज क्यों नहीं कराया गया. साथ ही जब पिछले काफी दिनों से वह बीमार थी, तो विद्यालय प्रबंधन ने बेहतर इलाज के लिए मीना को उसके माता-पिता को क्यों नहीं सुपुर्द किया. इसी तरह वार्डन द्वारा एवं विद्यालय के ऊपरी प्रशासनिक पदाधिकारियों के पास छात्रा के बेहतर इलाज के लिए क्यों नहीं लिखित जानकारी दिया गया
इस मामले को सर्वदलीय छात्र संगठन के ज्ञान रंजन मिश्रा, विकास कुमार, मंदीप सोनी, फिरोज अंसारी, सनोज दास, सलीम खान, विशाल गुप्ता एवं जिला परिषद् उतरी के प्रतिनिधि अतहर अली ने उच्च स्तरीय जांच उपायुक्त से कराने की मांग की है.

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