मुसाबनी.
एचसीएल प्रबंधन पर बहाली का आश्वासन पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को पाथरगोड़ा ग्रामसभा ने ग्राम प्रधान सिदो हांसदा के नेतृत्व में लिपुडीह टोला में मुसाबनी- हाता मुख्य सड़क को जाम कर दिया. इससे सुरदा माइंस में अयस्क परिवहन ठप हो गया. सुरदा माइंस से अयस्क लेकर मुसाबनी कंसंट्रेटर संयंत्र जा रहे हाइवा दिन भर पाथरगोड़ा मध्य विद्यालय के समीप सड़क किनारे खड़े रहे. इस लेकर शाम को दो घंटे तक चली वार्ता में एचसीएल प्रबंधन व ठेका कंपनी ने 15 जून से पाथरगोड़ा ग्रामसभा के बेरोजगारों को रोजगार देने का आश्वासन दिया. इसके बाद शाम सात बजे आंदोलन समाप्त किया गया. सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक करीब 13 घंटे तक सुरदा माइंस से उत्पादित अयस्क का परिवहन प्रभावित रहा. वार्ता में सहमति के बाद अयस्क परिवहन प्रारंभ हुआ. अयस्क लदे हाइवा मुसाबनी कंसंट्रेटर संयंत्र के लिए रवाना हुए. वार्ता में एचसीएल के डीजीएम दीपक कुमार श्रीवास्तव, सुरदा माइंस के मैनेजर डीजे सोम, ठेका कंपनी आरके अर्थ प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी व पाथरगोड़ा के ग्राम प्रधान सिदो हांसदा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने भाग लिया.ग्रामीणों के अनुसार, सुरदा माइंस को लीज के लिए एनओसी देने के समय गांव के बेरोजगारों को छह माह में रोजगार देने तथा एनओसी के बाद चालान निर्गत होने पर एक माह के अंदर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की मांग हुई थी. इन मांगों को लेकर 10 नवंबर 2024 व 20 फरवरी 2025 में दो बैठक हुई. प्रबंधन वार्ता में रोजगार देने का आश्वासन देता रहा, लेकिन अब तक रोजगार नहीं मिला. इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने सुरदा माइंस से उत्पादित अयस्क का परिवहन अनिश्चितकाल तक रोकने का निर्णय लिया.
आंदोलन में ग्रामीण अपने हाथों में नारे लिखे पोस्टर लिए हुए थे. मौके पर मोकरो हांसदा, प्रधान हांसदा, शिवचरण मुर्मू, विक्रम मार्डी, बिरसा टुडू, सालखु मुर्मू, मासाग मुर्मू, अर्जुन हेंब्रम, सोनाराम हेंब्रम, बहादुर टुडू, राजेश सुंडी समेत ग्रामीण शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है