घाटशिला.
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव से लोगों में आक्रोश है. आज हर भारतवासी शहीदों व सेना के जवानों की वीरता को सलाम कर रहा है. घाटशिला निवासी राणा टुडू की देशभक्ति मिसाल है. सेना में रहते उनके पति शहीद हो गये थे. महिला ने राष्ट्र की सेवा के लिए अपने बेटे को भी सेना में भेज दिया. घाटशिला प्रखंड की काड़ाडूबा पंचायत के सुदूरवर्ती गांव केंदोपोशी निवासी राणा टुडू के पति दामू टुडू भारतीय सेना में सेवा देते हुए एक सितंबर 1997 को मणिपुर के सीमावर्ती क्षेत्र में शहीद हो गये थे. तब उनका बड़ा बेटा कान्हूराम टुडू मात्र 5 वर्ष का था. राणा टुडू ने हार नहीं मानी. उन्होंने संकल्प लिया कि जब बेटा 22 वर्ष का होगा, उसे भी देश सेवा के लिए सेना में भेजेंगी. उनका सपना 2019 में साकार हुआ, जब कान्हू राम टुडू सीआरपीएफ 8वीं बटालियन में शामिल हुआ. आज इंफाल में देश सेवा में तैनात है. कान्हू राम टुडू ने कहा कि मां के हौसले को सलाम है. मैं गर्व करता हूं कि मैं उसी धरती से हूं, जिसने मुझको देश के लिए समर्पित किया है. राणा टुडू ने बताया कि मेरे दो और बेटे सुनील टुडू, भोगान टुडू हैं. जरूरत पड़ी, तो उन्हें भी सेना में भेजूंगी. बस दुख इस बात का है कि मेरे पति शहीद हो गये. शहीद होने के बाद अबतक सरकारी सुविधाएं नहीं मिलीं. देश सेवा का जज़्बा इससे कम नहीं हुआ. राणा टुडू का साहस और समर्पण पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है