बहरागोड़ा : बहरागोड़ा में सोनार (सुवर्ण वनिक) की उप जाति अष्टलोही कर्मकार को झारखंड राज्य में पिछड़े वर्ग की सूची में सूचीबद्ध करने के मसले पर बुधवार को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष, सेवा निवृत्त न्यायाधीश लोक नाथ प्रसाद तथा सदस्य सचिव कमल जॉन लकड़ा ने प्रखंड के कई गांवों का दौरा कर जायजा लिया. उन्होंने कोकमारा, खेड़ुआ, झांझिया गांवों में इस उप जाति के लोगों से बात की. ग्रामीणों के बीच सर्वे फॉर्म वितरित किये, जिन्हें ग्रामीणोंं ने भर कर जमा किया.
टीम ने कोकमारा गांव में इस उपजाति के लोगों को स्वर्ण सामग्री बनाते देखा और पूछताछ की. टीम ने वस्तु स्थिति की जानकारी ली. मौके पर सीओ अभय कुमार झा, बीडीओ ललित प्रसाद सिंह, सीआइ हराधन मदीना, मुखिया सुनील मुंडा और ग्रामीण उपस्थित थे.
आयोग से की थी मांग : मटिहाना पंचायत के सालबनी निवासी सुची दुलाल राणा ने आयोग को पत्र लिखकर उस उप जाति को सोनार जाति में सूचीबद्ध करने की मांग की थी, ताकि इस उप जाति के लोगों को सरकारी लाभ मिल सके. विधायक के साथ की बैठक : अध्यक्ष और सदस्य ने बहरागोड़ा के वन विश्रामागार में विधायक कुणाल षाड़ंगी के साथ बैठक कर इस उप जाति के बारे में जानकारी प्राप्त की. विधायक ने उपजाति के लोगों की मांग को जायज बताते हुए इनकी मांग को पूरा करना जरूरी बताया.
क्या कहते हैं उप जाति के लोग
कोकमारा, नयाभसान, जयपुरा, खेड़ुआ,श्यामसंडा, बरागाड़िया,वंशीधरपुर, डोमजुड़ी, सालबनी, मैसाढ़, जामबनी, मानुषमुरिया आदि गांवों के निवासी इस उप जाति के लोगों का कहना है कि सोनार तथा अष्टलोही कर्मकार एक ही जाति के हैं. सरकार के खाता में सोनार लिखे होने के कारण अष्टलोही कर्मकार को सामान्य वर्ग में घोषित कर दिया जाता है. इसके कारण जाति प्रमाण पत्र बनवाने में कठिनाई होती है तथा वे सरकारी सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं.
अष्टलोही कर्मकार उप जाति के लोगों का दावा लगभग सही प्रतीत होता है. कार्मिक सुधार प्रशासनिक राजभाषा विभाग को रिपोर्ट दी जायेगी.
लोक नाथ प्रसाद, अध्यक्ष सह सेवानिवृत्त न्यायाधीश.
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