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Jharkhand Foundation Day: हर घर नल से जल पहुंचाने में पाकुड़ अब भी पिछड़ा, दुमका की स्थिति बेहतर

15 नवंबर, 2022 को झारखंड 22 साल का हो जाएगा. इस 22 साल में इस राज्य के कई प्रगति पथ को प्राप्त किया. इसी कड़ी में हर घर नल से जल पहुंचाने को लेकर झारखंड का संताल परगना प्रमंडल में इसकी स्थिति चिंताजनक बनी है. संताल का पाकुड़ जिला अब भी पिछड़ा है, वहीं दुमका की स्थिति सबसे बेहतर है.

Jharkhand Foundation Day: शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की वृहत योजना चला रखी है, ताकि हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचे और दूषित जल के सेवन से लोगों के सेहत पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को कम  किया जा सके, पर झारखंड राज्य की स्थिति पूरे देश में और झारखंड में संताल परगना प्रमंडल की स्थिति चिंताजनक है. देशभर में झारखंड लक्ष्यद्वीप एवं उत्तर प्रदेश के बाद नीचे से तीसरे स्थान पर है, तो पड़ोसी राज्य बिहार 95.67 प्रतिशत उपलब्धि के साथ शीर्ष राज्यों में चौथे स्थान पर है. वहीं, 283647 घरों तक ही शुद्ध पानी पहुंचाया जा सका है. 2024 तक लक्ष्य को पूरा कर पाना चुनौती बन गया है.

2024 तक हर घर में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य

जल जीवन मिशन के तहत सरकार ने वर्ष 2024 तक हर घर में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है, पर इस लक्ष्य को पाने में संताल परगना का एक जिला पाकुड़ पूरे राज्य में सबसे पीछे चल रहा है. पाकुड़ जिले में महज 6.08 प्रतिशत घरों तक ही नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंच पा रहा है, जबकि इस प्रमंडल में सबसे बेहतर स्थिति में दुमका जिला है. जहां 26.62 प्रतिशत घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है.

दुमका और गोड्डा के इन गांवों के घरों में शत-प्रतिशत पहुंचा पानी

दुमका जिले में अभी भी केवल तीन ही गांव ऐसे सर्टिफाइड हुए हैं, जहां शत-प्रतिशत घरों में नल से शुद्ध जल पहुंच रहा है. इनमें सदर प्रखंड के सरवा पंचायत का हिजला, जरमुंडी प्रखंड के रायकिनारी पंचायत का तेतरडीहा व रामगढ़ पंचायत के भतुड़िया बी पंचायत का भतुड़िया गांव शामिल है. जबकि गोड्डा जिले के बसंतराय प्रखंड का हिलवा, पथरगामा का कोल्हुआ, पोडैयाहाट का दिकुआनी, सुंदरपहाड़ी का टेसुबाथान व ठाकुरगंगटी का बैजुकिता गांव शामिल है.

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निचले पांच पायदान में संताल परगना के तीन जिले

फंक्शनल हाउसहोल्ड टेप कनेक्शन (Functional Household Tape Connection- FHTC) के मामले में संताल परगना की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निचले पायदान पर रहनेवाले पांच जिलों में पाकुड़ के अलावा गोड्डा और जामताड़ा जिला भी शामिल है. वहीं, दुमका(26.62 प्रतिशत ) को छोड़ सभी पांच जिले राज्य के औसत (24.50 प्रतिशत) से नीचे है.

संताल में हर घर नल जल योजना की स्थिति

जिला : हाउसहोल्ड : टेप वाटर : सप्लाई (प्रतिशित में) :  हाउसहोल्ड(बचे हुए)
दुमका : 2,93,300 : 78,087 : 26.62 : 2,15,213
देवघर : 2,87,849 : 65,472 : 22.75 : 2,22,377
साहिबगंज : 2,80,487 : 53,316 : 19.01 : 2,27,171
जामताड़ा : 1,47,578 : 25,281 : 17.13 : 1,22,297
गोड्डा : 3,01,613 : 47,745 : 15.83 : 2,53,868
पाकुड़ : 2,26,021 : 13746 : 6.08 : 2,12,275

जिले में 1,47,578 घरों में है पानी पहुंचाने का है लक्ष्य

वहीं, जामताड़ा जिले के 118 ऐसे गांव हैं जिसमें एक भी घरों में नल से जल नहीं पहुंच रहा है. इन गांवों में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से ग्रामीण जलापूर्ति योजना की एक भी योजना नहीं शुरू की जा सकी है. बता दें कि जल जीवन मिशन के तहत जिले में एक लाख 47 हजार 578 घरों में नल से जल पहुंचाने की योजना है. लेकिन अब तक मात्र 24 हजार घरों में ही नल से जल दिया जा सका है. जबकि करीब एक लाख 23 हजार 578 घरों में अब तक इस योजना का लाभ नहीं पहुंच सका है. केंद्र सरकार की जल शक्ति मंत्रालय ने वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत वर्ष 2024 तक जिले के सभी घरों में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित है. तीन वर्ष गुजरने के बाद भी सिर्फ 24 हजार घरों तक पानी पहुंचाया जा सका है.

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जामताड़ा और नारायणपुर प्रखंड के लिए टेंडर की प्रक्रिया है जारी

जल जीवन मिशन के तहत जामताड़ा और नारायणपुर प्रखंड में टेंडर प्रक्रिया चल रही है. जामताड़ा में कुल 217 करोड़ तो नारायणपुर प्रखंड में 248 करोड़ की योजना को स्वीकृति देनी है. यहां टेंडर की प्रक्रिया में है. करमाटांड़ प्रखंड में 105 करोड़ से उक्त योजना पर कार्य होना है. हालांकि, करमाटांड़ में कार्य जारी है. बताया जाता है कि देवघर जिले के सिकटिया स्थित अजय बराज से करमाटांड़ प्रखंड में जलापूर्ति की जायेगी. नाला प्रखंड में योजना पर कार्य जारी है. यहां कास्ता जलापूर्ति योजना 17.97 करोड़, गेड़िया जलापूर्ति योजना 24 करोड़, अफजलपुर जलापूर्ति योजना 22 करोड़ से  ग्रामीणों को पानी दिया जायेगा. कुंडहित प्रखंड के विक्रमपुर जलापूर्ति योजना राशि 17 करोड़ है.

पेयजलापूर्ति योजना में तेजी लाने का निर्देश : शैलेश प्रियदर्शी

इस संबंध में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के ईई शैलेश प्रियदर्शी ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. नाला, कुंडहित, फतेहपुर, करमाटांड़ में कार्य जारी है. वहीं जामताड़ा व नारायणपुर में टेंडर की प्रक्रिया जारी है. दोनों प्रखंडों में जल्द कार्य शुरू किया जायेगा.

रिपोर्ट : आनंद जायसवाल, दुमका.

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