होली में मिठाई की खूब डिमांड रहती है. जिले में अनुमानित पांच करोड़ से अधिक का मिठाई का कारोबार होगा. डिमांड अधिक होने से मिलावट का धंधा भी खूब चलता है. सिंथेटिक खोवा, प्रतिबंधित रंग व एसेंस का खूब उपयोग होता है. बंगाल, कानपुर, बनारस, राजस्थान व दिल्ली से सिंथेटिक खोवा मंगाये जाने की सूचना है. स्थानीय स्तर पर भी दूध व यूरिया को मिलाकर खोवा तैयार किया जा रहा है. बसूरिया, मधुपुर, जामताड़ा से छेना की खेप आ रही है. मिठाई में आम तौर पर नकली मावा, मैदा व आटे की मिलावट की जाती है. यह हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है.
ऐसे होती है मिलावट
1. चांदी वर्क की जगह लगाया जाता है जस्ता2. केमिकल कलर का होता है उपयोग
3. बंगाल, कानपुर, बनारस, राजस्थान व दिल्ली से मंगाया जाता है सिंथेटिव खोवा4. स्थानीय स्तर पर भी दूध व यूरिया को मिलाकर तैयार किया जाता है खोवा5. काजू बरफी में मिलायी जाती है मुंगफली 6. मोतीचूर लड्डू के बेसन में मिलाया जाता है खेसारी
मिठाई खरीदते वक्त आप खुद भी कर सकते हैं जांच
-सफेद मिठाई का सेंपल लेकर उसे पानी में घोल लें. इस घोल में आयोडीन की 3-4 बूंद डालें. यदि घोल का रंग काला पड़ गया, तो समझिए इस मिठाई में मैदा, आटा या पिसे हुए आलू की मिलावट की गयी है.– मिठाई पर चढ़ी वर्क की परत का एक छोटा टुकड़ा हथेली पर रगड़े. एल्युमिनियम की परत रगड़ने पर नष्ट नहीं होता, वहीं चांदी की परत थोड़ा मसलने पर दिखाई नहीं देता है. – मिठाई में मेटलीन येलो कलर प्रतिबंधित है. मिठाई को पीला रंग देने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. इस रंग की मिठाई का घोल बनाकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 2-3 बूंदें डालने पर पानी का रंग यदि लाल हो जाता है, तो समझें मिठाई में प्रतिबंधित रंग का इस्तेमाल किया गया है.
– मिठाई चीनी से बनी है या सेक्रिन से इसका पता लगाना भी काफी आसान है. मिठाई का एक टुकड़ा चखने पर पहले मीठा का स्वाद मिलेगा और थोड़ी देर बाद यदि मुंह कसैला या कड़वाहट आ गया, तो समझ लें यह चीनी से नहीं सेक्रिन से बनी है. – काजू की बरफी खरीदते वक्त इसके रंग पर ध्यान रखें. आज कल मुनाफा कमाने की चाह में काजू की जगह मुंगफली अधिक व काजू कम पीसकर मिलाया जाने लगा है. यदि काजू बरफी सफेद नहीं है व इसमें हल्का कालापन है, तो समझ लें इसमें काजू कम बादाम की मात्र काफी अधिक है.– छेने व खोवा से बनी मिठाई में मैदा मिलाया गया है या नहीं इसकी जांच के लिए इससे बनी मिठाई के घोल में आयोडिन सोल्यूशन डालें. रंग यदि ब्लू या ब्लेकिश हो गया, तो मतलब साफ है मिलावट है. (नोट: आयोडिन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड सजिर्कल दवा दुकानों में आसानी से उपलब्ध है)
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